देशराज्य

महाराष्ट्र: शिवसेना ने की CM पद संभालने की तैयारी, अब क्या खेलेगी बीजेपी?

मुंबई। महाराष्ट्र में सरकार बनाने की शिवसेना की कोशिशें सफल होती तो दिख रही हैं और सरकार बनने की स्थिति में उसका मुख्यमंत्री भी बनता दिखाई दे रहा है, बावजूद इसके शिवसेना की एक इच्छा अधूरी रहने वाली है. शिवसेना चाहती थी कि 17 नबंवर को राज्य में सरकार का गठन हो जाए, ऐसा इसलिए क्योंकि इसी दिन शिवसेना संस्थापक बाला साहेब ठाकरे की पुण्यतिथि है. इस लिहाज से ये दिन शिवसैनिकों के लिए काफी अहम है.

शिवसैनिकों की इस ख्वाहिश को एनसीपी सुप्रीमो शरद पवार के बयान से झटका लगा है. शरद पवार ने कहा है कि महाराष्ट्र में सरकार गठन में अभी देर लगेगी. शरद पवार शुक्रवार को नागपुर में थे. यहां पर कांग्रेस विधायक नितिन राउत के घर पर उन्होंने ये बातें कही थी.

शिवसैनिक बने CM, बाला साहेब का सपना

बता दें कि महाराष्ट्र में शिवसेना लगातार कहती आ रही है कि ये बाला साहेब का सपना था कि एक दिन एक शिवसैनिक महाराष्ट्र का मुख्यमंत्री बनेगा. उद्धव ठाकरे कह चुके हैं कि उन्होंने बाला साहेब से वादा किया है कि एक दिन शिवसेना का सीएम होगा. इस वादे का हवाला देकर शिवसेना बीजेपी पर दबाव बना रही थी. हालांकि, बीजेपी के साथ उसकी डील नाकाम हो गई, तब शिवसेना ने कांग्रेस और एनसीपी की ओर रुख किया.

कल फिर होगी सोनिया-शरद की मुलाकात

महाराष्ट्र में शिवसेना, कांग्रेस और एनसीपी की सरकार बनाने के लिए तीनों दलों के बीच कई बार प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष बात हो चुकी है. लेकिन सियासत के इन तीन संभावित दोस्तों का आधार इतना विरोधाभासों से भरा है कि एक मुद्दा सुलझाते ही दूसरा खड़ा हो जाता है. इन तीनों दोस्तों के बीच एक दूसरे पर अविश्वास करने के कई कारण हैं तो एक दूसरे के बीच अनर्गल बयानबाजी का कड़वा इतिहास भी है. इस वजह से कई राउंड की बातचीत के बावजूद सरकार गठन का मामला डेड एंड में फंसा है. इस बीच शरद पवार रविवार को एक बार फिर से सोनिया गांधी से मुलाकात करने वाले हैं. इस मुलाकात में एक बार फिर से सरकार गठन की डील की शर्तों पर मंथन होगा.

इन तीनों दलों को सरकार गठन के लिए एक लाइन में लाना कितना मुश्किल है इसका अंदाजा कांग्रेस के महाराष्ट्र प्रभारी मल्लिकार्जुन खड़गे के उस बयान से लगाया जा सकता है जिसमें उन्होंने कहा है कि कांग्रेस अकेले मुद्दे नहीं सुलझा सकती है, दोनों नेताओं को साथ बैठना ही पड़ेगा. यहां पर दूसरे नेता से खड़गे का तात्पर्य शरद पवार से था. खड़गे ने एएनआई से कहा, “सिर्फ कांग्रेस चीजें तय नहीं कर सकती है, एनसीपी चीफ शरद पवार और कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी रविवार को एक साथ बैठेंगे, इस दौरान आगे की कार्रवाई पर चर्चा होगी, ये लोग तय करेंगे कि समस्याएं कैसे सुलझाई जाएं, इसके बाद ही आगे की कार्रवाई हो पाएगी.”  

बीजेपी को अब भी उलटफेर का यकीन

इस बीच महाराष्ट्र की राजनीति में सबसे बड़ी पार्टी होने के बावजूद किनारे पड़ चुकी बीजेपी ने अब तक उम्मीदें नहीं छोड़ी हैं. शुक्रवार को बीजेपी ने कहा कि हमारे पास सबसे ज्यादा विधायक हैं हम राज्य को एक स्थिर सरकार देने के लिए प्रतिबद्ध हैं. महाराष्ट्र बीजेपी के अध्यक्ष चंद्रकांत पाटील ने कहा कि बिना बीजेपी के महाराष्ट्र में कोई सरकार नहीं बन सकती. चंद्रकांत पाटील ने बीजेपी के पास 119 विधायकों के समर्थन का दावा किया, इसमें 105 बीजेपी के विधायक हैं जबकि 14 निर्दलीय के समर्थन का दावा उन्होंने किया है.

सरकार गठन के लिए 145 विधायक जरूरी

महाराष्ट्र की विधानसभा में 288 विधायक हैं. यहां सरकार बनाने के लिए 145 विधायकों का समर्थन चाहिए. विधानसभा चुनाव में बीजेपी को 105 सीटें आई हैं. जबकि शिवसेना के 56 विधायक जीते हैं, एनसीपी के विधायकों की संख्या 54 है तो कांग्रेस के 44 उम्मीदवारों ने जीत हासिल की है. अन्य विधायकों की संख्या 29 है.  

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
WP2Social Auto Publish Powered By : XYZScripts.com