नई दिल्ली। भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) द्वारा इंटरकनेक्ट यूजर चार्ज (आईयूसी) हटाने को लेकर के बुलाई गई बैठक में जियो और एयरटेल-वोडाफोन आइडिया के अधिकारी आपस में भिड़ गए। रिलायंस जियो ने शुक्रवार को कहा कि कॉल जोड़ने पर लग रहे शुल्क (आईयूसी) को समाप्त करने के निर्णय को जनवरी, 2020 के बाद टाला गया तो इससे किफायती दूरसंचार सेवाएं प्रभावित होंगी। दूसरी ओर, वोडफोन-आइडिया और एयरटेल ने इस तरह के शुल्क को जारी रखने की बात कही है। इन कंपनियों ने कहा कि इस व्यवस्था को कम से कम तीन साल तक जारी रखना चाहिए।
ट्राई के चेयरमैन आर एस शर्मा ने सभी कंपनियों से कहा कि इस मुद्दे को लेकर के जल्द ही नए नियमों की घोषणा की जाएगी। जियो का कहना है कि निशुल्क वॉइस कॉल जैसी किफायती सेवाओं के कारण उपभोक्ताओं को फायदा हुआ है। अब इनकमिंग और आउटगोइंग कॉल का अनुपात लगभग बराबर हो चुका है, ऐसे में कोई कारण नहीं है कि ‘बिल एंड कीप’ व्यवस्था के क्रियान्वयन को टाला जाए। कंपनी ने कहा कि हम नफा या नुकसान पर विचार नहीं कर रहे हैं, बल्कि सिद्धांतों के आधार पर इसका विरोध कर रहे हैं।
जियो करता है सबसे ज्यादा भुगतान
फिलहाल जियो आईयूसी का सबसे ज्यादा भुगतान करता है। वहीं बाकी कंपनियों को आईयूसी से कमाई हो रही है। अभी आईयूसी चार्ज छह पैसे प्रति मिनट है। रिलायंस जियो ने कहा है कि अगर इसको हटा नहीं सकते हैं, तो कम से चार्ज को छह पैसे से घटाकर कम कर दें।
मोबाइल दरें घटाने पर डॉट ने नहीं मांगी राय-ट्राई
दूरसंचार नियामक ट्राई ने कहा है कि मोबाइल फोन सेवाओं की शुल्क की न्यूनतम दर की सीमा रखे जाने को लेकर विभाग ने कोई राय नहीं मांगी है। ट्राई के चेयरमैन आरएस शर्मा ने शुक्रवार को यह पूछे जाने पर कि क्या दूरसंचार विभाग ने शुल्क की न्यूनतम दर की सीमा या मोबाइल सेवाओं का न्यूनतम शुल्क तय करने के लिए संपर्क किया है, कहा कि हमें इस तरह का कोई संदेश नहीं मिला है। सरकार ने पिछले महीने दूरसंचार क्षेत्र को राहत पैकेज के लिए सचिवों की समिति (सीओसी) गठित की थी। उस समय आधिकारिक सूत्रों ने कहा था कि समानान्तर रूप से ट्राई वॉयस और डेटा सेवाओं के लिए न्यूनतम शुल्क की समीक्षा करेगा।
आईयूसी चार्ज क्या है?
आईयूसी यानी इंटर कनेक्शन यूजेज चार्ज वह राशि है जो दो टेलीकॉम कंपनियां अपने ग्राहकों की आपस में बातचीत कराने के लिए वसूलती हैं। सरल शब्दों में कहें तो अगर आपका कोई दोस्त एयरटेल का सिम यूज करता है और आप रिलायंस जियो का सिम यूज करते हैं तो जब भी आप अपने रिलायंस जियो वाले फोन से एयरटेल वाले नंबर पर फोन करेंगे तो जियो को आईयूसी चार्ज के रूप में एयरटेल को छह पैसे प्रति मिनट की दर से एक राशि अदा करनी होगी।
रिलायंस ने अपनी लॉन्चिंग के बाद से अब तक आईयूसी के रूप में दूसरी टेलिकॉम कंपनियों को 13,500 करोड़ रुपये दिए हैं। रिलायंस ने ये भी बताया है कि जियो नेटवर्क पर हर रोज 25 से 30 करोड़ मिस्ड कॉल आती हैं। इसके बाद रिलांयस जियो के नंबरों से हर रोज 65 से 70 करोड़ मिनट की कॉल दूसरे नेटवर्क पर की जाती हैं। ऐसे में जियो को इन कंपनियों को आईयूसी चार्ज के रूप में छह पैसे प्रति मिनट देने पड़ रहे हैं।