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महाराष्ट्र में अब राज्यपाल पर टिकी नजरें, राष्ट्रपति शासन लगना तय

नई दिल्ली। महाराष्ट्र में नई सरकार के गठन को लेकर इंतजार और लंबा हो गया जहां भाजपा ने अब तक सरकार बनाने का दावा पेश नहीं किया है, वहीं शिवसेना बारी-बारी से मुख्यमंत्री पद की साझेदारी पर अड़ी है। राज्य में नौ नवंबर तक सरकार का गठन हो जाना है। ऐसे में सबकी नजरें राज्यपाल पर टिकी हुई हैं। शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे के हवाले से कहा गया कि भाजपा उनसे तभी संपर्क साधे जब मुख्यमंत्री पद शिवसेना को देने के लिए तैयार हो।

ठाकरे ने गुरुवार को घंटे भर तक चली शिवसेना के नये विधायकों की बैठक की अध्यक्षता की जिस दौरान विधायकों ने दोहराया कि लोकसभा चुनाव से पहले पदों और जिम्मेदारियों के समान बंटवारे के जिस विचार पर सहमति बनी थी, उसे लागू किया जाना चाहिए।

शिवसेना विधायकों ने प्रस्ताव पारित कर उद्धव ठाकरे को महाराष्ट्र में सरकार गठन का अंतिम फैसला लेने के लिए अधिकृत किया। ठाकरे की अध्यक्षता में उनके बांद्रा स्थित आवास ‘मातोश्री’ में हुई पार्टी के विधायकों की बैठक समाप्त होने के बाद, सभी विधायक रंगशारदा होटल गए, जो पार्टी प्रमुख के आवास के नजदीक ही स्थित है। सरकार गठन को लेकर अनिश्चितता और विधायकों के दल-बदल की आशंका के बीच इन विधायकों को इस होटल में ठहराया गया।

शिवसेना विधायक सुनील प्रभु ने कहा, ‘मौजूदा स्थिति में सभी विधायकों का साथ रहना जरूरी है। उद्धव जी जो भी फैसला लेंगे, हम सब उसे मानने के लिए बाध्य होंगे।’ शिवसेना के राज्यसभा सदस्य संजय राउत ने कहा कि सरकार गठन पर शिवसेना के रुख में कोई बदलाव नहीं आया है। सभी विधायक उद्धव का समर्थन करते हैं। 

उन्होंने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि राजनीतिक अस्थिरता के लिए जिम्मेदार लोग राज्य को नुकसान पहुंचा रहे हैं। उन्होंने एक बार फिर कहा कि मुख्यमंत्री शिवसेना का ही होगा। शिवसेना अपने उस रुख पर कायम है कि लोकसभा चुनावों से पहले इस साल फरवरी में, यह तय हुआ था कि भाजपा और पार्टी के बीच पदों एवं जिम्मेदारियों को साझा किया जाएगा।

शिवसेना जहां मुख्यमंत्री पद को साझा करने पर जोर दे रही है वहीं भाजपा ने इससे साफ इनकार कर दिया है। भाजपा और शिवसेना मुख्यमंत्री पद के मुद्दे पर उलझी हुई है जिससे 24 अक्टूबर को आए विधानसभा चुनाव के नतीजों में गठबंधन को 161 सीट मिलने के बावजूद सरकार गठन को लेकर गतिरोध बना हुआ है। 

288 सदस्यीय विधानसभा के लिए हुए चुनावों में भाजपा को 105 सीटें, शिवसेना को 56, राकांपा को 54 और कांग्रेस को 44 सीटें मिली थीं। इस बीच महाराष्ट्र के महाधिवक्ता आशुतोष कुंभकोणि ने राजभवन में राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी से मुलाकात की। यह मुलाकात ऐसे समय में हुई है जब मौजूदा विधानसभा का कार्यकाल समाप्त होने से पहले किसी दल के सरकार गठन के लिए दावा पेश नहीं करने पर कोश्यारी द्वारा कार्यवाहक मुख्यमंत्री नियुक्त किये जाने की अटकलें हैं।

केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने नागपुर में कहा कि देवेंद्र फडणवीस को भाजपा विधायक दल का नेता चुना गया है। सरकार उनके नेतृत्व में बननी चाहिए। गडकरी ने खुद के मुख्यमंत्री बनने की अटकलों को खारिज कर दिया। उन्होंने यह भी कहा कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के सरसंघचालक मोहन भागवत का नाम महाराष्ट्र में सरकार गठन संबंधी कदमों से नहीं जोड़ा जाना चाहिए।

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