बैंगलुरू। कर्नाटक प्रीमियर लीग (केपीएल) स्पॉट फिक्सिंग स्कैंडल मामले में दो खिलाड़ियों को गिरफ्तार किया गया है. बेल्लारी टीम के कप्तान सीएम गौतम और बहरार काजी को गिरफ्तार किया गया है. केपीएल 2019 के फाइनल के दौरान हुबली और बेल्लारी टीम के बीच स्पॉट फिक्सिंग हुई थी. उन्हें धीमी बैटिंग के लिए 20 लाख रुपये दिए गए थे. सीएम गौतम रणजी और आईपीएल खेल चुके हैं.
बता दें कि कर्नाटक प्रीमियर लीग (KPL) में मैच फिक्सिंग पर एक के बाद एक गिरफ्तारी हुई है. इससे पहले केपीएल से जुड़ी एक क्रिकेट टीम के कोच को भी गिरफ्तार किया जा चुका है. बेंगलुरु से भारतीय क्रिकेटर निशांत सिंह शेखावत को सट्टेबाजी के आरोप में गिरफ्तार किया गया था. उनकी गिरफ्तारी कर्नाटक प्रीमियर लीग मैच फिक्सिंग मामले में हुई थी.
कोच से किया था संपर्क
संयुक्त पुलिस आयुक्त (अपराध) एस पाटिल ने बताया था कि निशांत सिंह शेखावत सट्टेबाजों के संपर्क में थे और खिलाड़ियों को फिक्स करने के लिए बेंगलुरु ब्लास्टर्स टीम के गेंदबाजी कोच विनू प्रसाद से संपर्क किया था. बता दें कि विनू प्रसाद पहले ही फिक्सिंग मामले में गिरफ्तार हो चुके हैं.
बेंगलुरु ब्लास्टर्स टीम के गेंदबाजी कोच विनू प्रसाद और बल्लेबाज विश्वनाथन को पिछले हफ्ते शुक्रवार को मैच फिक्सिंग के एक अलग मामले में गिरफ्तार किया गया था. कोच पर पिछले साल बेंगलुरु ब्लास्टर्स और बेलागावी पैंथर्स टीम के बीच केपीएल के तहत खेले गए मैच को प्रभावित करने का आरोप था.
बेलगावी पैंथर्स का मालिक हुए थे अरेस्ट
दूसरी ओर, पिछले महीने कर्नाटक प्रीमियर लीग (KPL) की टीम बेलगावी पैंथर्स के मालिक अशफाक अली थारा को सट्टेबाजी में शामिल होने के आरोप में बेंगलुरु में गिरफ्तार किया गया. कर्नाटक राज्य क्रिकेट संघ (केएससीए) द्वारा संचालित केपीएल टूर्नामेंट इस साल 16 से 31 अगस्त तक खेला गया था.
यात्रा और पर्यटन व्यवसायी अशफाक अली थारा ने 2017 में बेलगावी पैंथर्स टीम खरीदी थी. केंद्रीय अपराध शाखा (CBB) ने कई दिनों की पूछताछ के बाद अशफाक को गिरफ्तार किया. अशफाक के अलावा केपीएल से जुड़ी अन्य टीमों के खिलाड़ियों से भी पूछताछ की गई.