नई दिल्ली। तीस हजारी कोर्ट में वकीलों के साथ हुई मारपीट के बाद अपनी मांगों को लेकर विरोध प्रदर्शन पर उतरे पुलिस जवानों ने करीब 10 घंटे बाद धरना समाप्त कर दिया है. उनकी मांगों पर महकमे के आला अफसरों ने अमल करने का आश्वासन दिया है. मंगलवार सुबह ही दिल्ली पुलिस मुख्यालय के बाहर सैकड़ों की संख्या में जवान जुट गए और रात करीब 8 बजे तक अपनी मांगों को लेकर अड़े रहे.
करीब 10 घंटे तक चले हंगामे के बीच पुलिस के सीनियर अफसरों को करीब 7 बार धरना खत्म करने की अपील करनी पड़ी, लेकिन जवान पीछे नहीं हटे. आखिरकार जब उनकी सभी मांगों को मान लिया गया तब जाकर मामला शांत हुआ. इस दौरान आम लोगों को काफी मशक्कत करनी पड़ी. दिल्ली-चंडीगढ़ हाईवे पर प्रदर्शनकारियों के परिजनों ने रोड तक जाम कर दिया था.
अमित शाह से दो बार मिले गृह सचिव
दिल्ली में वकीलों और पुलिस की झड़प के मुद्दे को लेकर गृह सचिव और गृह मंत्री के बीच दो बार बैठक हुई. अमित शाह के आवास पर पहली बैठक शाम 4 बजे और दूसरी शाम 7.45 से हुई. पहली बैठक में गृह सचिव एके भल्ला ने गृह मंत्री को पूरी मामले से अवगत कराया था. वहीं, दूसरे बैठक के दौरान प्रदर्शनकारियों ने धरना खत्म कर दिया था.
HC के चीफ जस्टिस के दफ्तर में हुई बैठक
बढ़ते विवाद को देखते हुए दिल्ली हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस के दफ्तर में दिल्ली के सभी छह जिला अदालतों के बार एसोसिएशन की मीटिंग हुई. इस मीटिंग में बार काउंसिल ऑफ इंडिया के आला पदाधिकारियों को भी बुलाया गया था. नई दिल्ली जिला बार एसोसिएशन (पटियाला हाउस) के सचिव नागेंद्र कुमार के मुताबिक, बुधवार को हाई कोर्ट में सुनवाई के बाद आगे की रणनीति तय की जाएगी.
साकेत कोर्ट में पुलिसवाले की पिटाई के मामले में केस दर्ज
साकेत कोर्ट के पास बाइक सवार पुलिसवाले की पिटाई के मामले में केस दर्ज हो गया है. बाइक सवार कॉन्स्टेबल का नाम करण है. महरौली थाने में तैनात करण सोमवार को सरकारी काम से साकेत कोर्ट गए थे. तभी वकीलों ने उनके साथ मारपीट की थी. इस मामले में दो अज्ञात वकीलों के खिलाफ केस दर्ज किया गया है.
पुलिस आयुक्त रवैये से नाराज थे
दिल्ली पुलिस के इतिहास में ‘काला-अध्याय’ जुड़वाने का ठीकरा हवलदार-सिपाहियों ने अपने ही कमजोर साबित हो चुके पुलिस आयुक्त अमूल्य पटनायक के सिर फोड़ा. नाराज पुलिसकर्मियों की मांग थी कि तीस हजारी कांड में पुलिस वाले ही पीटे गए, फिर भी अफसरों ने पुलिस वालों को ही सस्पेंड कर दिया. यह कहां का कानून और कैसा न्याय है?
घायलों को मिलेगा 25 हजार मुआवजा
स्पेशल पुलिस कमिश्नर आरएस कृष्णा ने कहा कि इस घटना में जो भी पुलिसकर्मी घायल हुए हैं, उनका इलाज दिल्ली पुलिस कराएगी. साथ ही घायलों को 25 हजार रुपए मुआवजा भी दिया जाएगा. इस मामले में प्रदर्शनकारी पुलिसवाले बुधवार को कोर्ट का दरवाजा खटखटाएंगे.
ये थी मुख्य मांगें–
- पुलिस वेलफेयर एसोसिएशन बनाने की मांग
- पुलिस पर हमला हो तो फौरन कार्रवाई हो
- पुलिसवालों का निलंबन वापस हो
- दोषी वकीलों के खिलाफ केस दर्ज हो
- दोषी वकीलों का लाइसेंस रद्द करने की मांग
IAS एसोसिएशन भी समर्थन में आया
IAS एसोसिएशन भी दिल्ली पुलिस के समर्थन में आ गया है. वहीं, तमिलनाडु भारतीय पुलिस सेवा (IPS) एसोसिएशन ने तीस हजारी कोर्ट में ड्यूटी पर पुलिसकर्मियों के साथ हुई मारपीट की घटना की निंदा की. इसके अलावा बिहार पुलिस एसोसिएशन ने दिल्ली पुलिस को नैतिक समर्थन दिया और निष्पक्ष जांच की मांग की.
कांग्रेस का मोदी सरकार पर वार
दिल्ली पुलिस और वकीलों के बीच जारी जंग के बीच कांग्रेस ने केंद्र सरकार पर हमला बोला. कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला ने मंगलवार को ट्वीट किया और लिखा कि 72 साल में पहली बार पुलिस प्रदर्शन पर है. क्या ये है बीजेपी का न्यू इंडिया? देश को बीजेपी कहां ले जाएगी? कहां गुम है गृह मंत्री अमित शाह? मोदी है तो मुमकिन है.
क्यों भिड़े थे पुलिस-वकील?
शनिवार को तीस हजारी कोर्ट में पुलिस और वकील भिड़ गए थे. दोनों के बीच मामला इतना बढ़ गया कि पुलिस को फायरिंग करनी पड़ी. जिसके बाद वकीलों ने पुलिस जीप समेत कई वाहनों को आग लगा दी थी और तोड़फोड़ की थी. आपको बता दें कि तीस हजारी कोर्ट के लॉकअप में जब एक वकील को पुलिस जवानों ने अंदर जाने से रोका था. उसी के बाद कहासुनी बढ़ गई थी और दोनों पक्ष आमने-सामने आ गए थे.