गाजियाबाद। मधुबन बापूधाम योजना में किसानों को बांटे गए बढ़े मुआवजे का भार सबसे पहले माननीयों पर पड़ेगा। आवंटियों से पहले जीडीए विधायकों को आवंटित भूखंड की बढ़ी कीमत को जमा करने के नोटिस भेजेगा। मधुबन बापूधाम में 321 भवन विधायकों को आवंटित हुए थे। इनमें में रजिस्ट्री करा चुके 211 विधायकों को जीडीए सबसे पहले नोटिस जारी करेगा।
आम आवंटियों के साथ विधायकों को 2011 में 11800 प्रति वर्ग मीटर में भूखंड आवंटित किया था। अब किसानों को बांटे गए मुआवजे का भार आवंटियों पर डालने के बाद विधायकों को अतिरिक्त 7550 रुपये प्रति वर्ग मीटर अतिरिक्त राशि जमा करने का नोटिस भेजा जाएगा। रजिस्ट्री कराने वाले विधायकों के बाद बगैर रजिस्ट्री वाले अन्य विधायकों को जीडीए नोटिस जारी करेगा। आखिर में भूखंड के आम आवंटियों को बढ़ी राशि जमा करने का नोटिस भेजा जाएगा।
मधुबन बापूधाम योजना में जीडीए की ओर से किसानों को 1850 करोड़ मुआवजा बांटा गया है। मुआवजा वितरण के लिए जीडीए ने अपनी एफडी तुड़वाने के साथ करीब 700 करोड़ का लोन लिया है। ऐसे में किसानों को बांटे गए बढ़े मुआवजे का भार मधुबन बापूधाम योजना के भूखंड स्वामियों पर डालने की तैयारी है। जीडीए की चार सदस्यीय कमेटी ने 2011 में 11800 प्रति वर्ग मीटर की दर से भूखंड का आवंटन किया था। ऐसे सभी आवंटियों को 7550 रुपये प्रति वर्ग मीटर का अतिरिक्त भुगतान करना होगा। ऐसे में योजना में कुल 1554 भूखंड आवंटियों को अब प्लॉट 19350 रुपये प्रति वर्ग मीटर पड़ेगा।
योजना में नया भूखंड खरीदना और महंगा हो गया है। नया भूखंड अब 32500 रुपये प्रति वर्ग मीटर की दर से खरीदा जा सकेगा। बता दें कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद जीडीए ने किसानों को 281 एकड़ जमीन का कई गुना बढ़ा मुआवजा वितरित किया गया है।
माननीयों को भी 9 फीसदी ब्याज सहित रिफंड की सुविधा
जीडीए ने साफ किया है कि अगर कोई आवंटी बढ़ी हुई कीमतों के तहत अतिरिक्त राशि का भुगतान करने को तैयार नहीं होता है तो प्राधिकरण की ओर से आवंटी को 9 फीसदी ब्याज सहित पैसा रिफंड करने की सुविधा देगा। आवंटी को भूखंड सरेंडर करने के लिए जीडीए में आवेदन करना होगा। फिर निर्धारित प्रक्रिया के साथ ब्याज सहित रिफंड किया जाएगा। जीडीए ने साफ किया है कि आम आवंटियों के साथ माननीयों को भी रिफंड की सुविधा मिलेगी।
40 से 450 वर्ग मीटर के भूखंड हैं योजना में
जीडीए ने मधुबन बापूधाम योजना में भूखंडों की तीन योजनाएं निकाली थी। कुल 1554 भूखंडों में 40 वर्ग मीटर, 60, 120, 160, 200, 300 और 450 वर्ग मीटर के भूखंड शामिल थे। वहीं 762 प्लॉट किसानों के लिए आरक्षित है, जबकि 321 भूखंडों का विधायकों को आवंटन हुआ था। वहीं, बहुमंजिला योजना में 500 से अधिक फ्लैट आवंटित हुए हैं। भूखंड को पहले 11800 वर्ग मीटर की दर से बेचा गया था। बता दें कि जीडीए ने 2004 में मधुबन बापूधाम योजना के लिए 1234 एकड़ जमीन अधिग्रहित की थी। इसमें से 281 एकड़ जमीन के किसान बढ़े मुआवजे की मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट चले गए। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद जीडीए को चार गुना मुआवजा देना पड़ रहा है। जीडीए जिला प्रशासन को 1850 करोड़ रुपये दे चुका है।
ईडब्ल्यूएस से एमआईजी व बहुमंजिला फ्लैटों पर नहीं पड़ेगा भार
जीडीए की ओर से मधुबन बापूधाम योजना में केवल भूखंडों पर ही किसानों को बांटे गए मुआवजे का अतिरिक्त भार डाला गया है। योजना में ईडब्ल्यूएस, एलआईजी, एमआईजी के साथ बहुमंजिला फ्लैटों की योजना में आवास खरीदने वाले आवंटियों व खाली फ्लैटों पर इसका कोई भार नहीं पड़ेगा। जीडीए ने बड़ी भूखंडों की कीमतों से फ्लैटों को अलग रखा है।
मुआवजा बांटा, अब कब्जा लेने के जीडीए ने शुरू किए प्रयास
गाजियाबाद। मधुबन बापूधाम योजना में किसानों को मुआवजा वितरण के बाद जीडीए ने किसानों से जमीन पर कब्जा लेने के प्रयास शुरू कर दिए हैं। जमीन पर कब्जा लेने और किसानों की समस्याओं को सुनने के लिए जीडीए ओएसडी संजय कुमार ने शुक्रवार को मधुबन बापूधाम के किसानों के साथ वार्ता की। बैठक में किसानों ने अपनी समस्याओं को जीडीए अधिकारियों के सामने रखा।