नई दिल्ली। झारखंड में विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान हो गया है. राज्य में पांच चरणों में विधानसभा के चुनाव होंगे. चुनाव के नतीजे 23 दिसंबर को आएंगे. शुक्रवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा ने बताया कि पहले चरण का मतदान 30 नवंबर को होगा. 7 दिसंबर को दूसरे, 12 दिसंबर को तीसरे चरण के तहत वोटिंग होगी. वहीं, चौथे चरण की वोटिंग 16 दिसंबर को जबकि 20 दिसंबर को पांचवें चरण की वोटिंग होगी.
पहले चरण में 13 सीटों पर मतदान होगा. दूसरे चरण में 20 सीटों पर, तीसरे चरण में 17 सीटों पर, चौथे चरण 15 सीटों पर और पांचवें चरण में 16 सीटों पर मतदान होगा. मुख्य निर्वाचन आयुक्त सुनील अरोड़ा ने कहा कि झारखंड विधानसभा का कार्यकाल 5 जनवरी को खत्म होगा. उपायुक्तों ने 17-18 अक्टूबर को ही झारखंड का दौरा किया था. झारखंड के 19 जिले नक्सल प्रभावित हैं. 67 सीटें नक्सल प्रभावित हैं.
बीजेपी का मिशन-65 प्लस का टारगेट
बता दें कि मुख्यमंत्री रघुवर दास के नेतृत्व में बीजेपी लगातार दूसरी बार पूर्ण बहुमत के साथ सत्ता में वापसी को बेताब है. बीजेपी ने लोकसभा चुनाव के नतीजे को देखते हुए विधानसभा चुनाव में मिशन-65 प्लस का टारगेट फिक्स किया है. बीजेपी-एजेएसयू मिलकर चुनावी मैदान में उतरने का फैसला किया है.
विपक्ष दल से एकजुट होने की कवायद
मुख्यमंत्री रघुवर दास जन आशीर्वाद यात्रा के जरिए बीजेपी के पक्ष में माहौल बनाने में जुटे हैं. बीजेपी को सत्ता में आने से रोकने के लिए तमाम विपक्ष दल से एकजुट होने की कवायद में है. झारखंड मुक्ति मोर्चा के अध्यक्ष हेमंत सोरेन सत्ता में एक बार फिर वापसी के लिए बदलाव यात्रा पर निकले हैं और बीजेपी के खिलाफ माहौल बनाने में जुटे हैं.
झारखंड में 81 विधानसभा सीटें
वहीं, कांग्रेस ने प्रदेश अध्यक्ष की कमान रामेश्वर उरांव को देकर आदिवासी और कार्ड खेला है. इसके अलावा बाबूलाल मरांडी की पार्टी जेवीएम अकेले चुनावी ताल ठोकने की तैयारी में है. झारखंड में कुल 81 विधानसभा सीटें हैं. 2014 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी 31.3 फीसदी वोट के साथ 37 सीटें जीतने में कामयाब रही थी और उसकी सहयोगी ऑल झारखंड स्टूडेंट यूनियन (एजेएसयू) 3.7 फीसदी वोट के साथ 5 सीटें जीती थी.
वहीं, जेएमएम 20.4 फीसदी वोट के साथ 19 सीटें, कांग्रेस 10.5 फीसदी वोट के साथ 7 सीटें और जेवीएम 10 फीसदी वोट के साथ 8 सीटें जीती थी. हालांकि चुनाव के बाद जेवीएम के 6 विधायकों ने पार्टी छोड़कर बीजेपी का दामन थाम लिया था. इसके अलावा 6 सीटें अन्य को मिली थी.