नई दिल्ली। केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने विवाह के लिए समान उम्र तय करने की कवायद शुरू कर दी है। केंद्र सरकार ने बुधवार को दिल्ली हाईकोर्ट में यह जानकारी दी। सरकार ने कहा है कि महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने दोनों (लड़का-लड़की) की शादी के लिए समान उम्र पर चर्चा करने के लिए हितधारकों के साथ परामर्श प्रक्रिया शुरू की है।
मुख्य न्यायाधीश डीएन पटेल व न्यायमूर्ति सी. हरि. शंकर की पीठ के समक्ष सरकार ने एक जनहित याचिका पर सुनवाई के दौरान यह जानकारी दी है। हालांकि, पीठ को इस मामले में विधि एवं न्याय मंत्रालय को भी मामले में पक्षकार बनाने का आग्रह किया है। क्योंकि इसके लिए कानून में भी संशोधन की आवश्यकता है।
पीठ के समक्ष सरकार की ओर से अधिवक्ता ने कहा कि अभी मामले में हलफनामा दाखिल नहीं किया जा रहा है। लेकिन मंत्रालय अपने सभी हितधारकों से परामर्श शुरू कर दिया है। उच्च न्यायालय में दाखिल याचिका में लड़का लड़की की शादी की उम्र एक समान करने की मांग की गई है। अभी शादी के लिए लड़के की उम्र 21 साल है जबकि लड़की की 18 साल है।