दिल्ली

दिल्ली मेट्रो के चौथे फेज से 30 लाख लोगों का सफर होगा आसान

नई दिल्ली। सबकुछ ठीक रहा तो दिल्ली मेट्रो रेल निगम (Delhi Metro Rail Corporation) जल्द दिल्ली मेट्रो के चौथे फेज के लिए काम शुरू करेगा। इसके लिए दिल्ली मेट्रो की ओर से सारी जरूरी औपचारिकताएं पूरा करने का काम तेजी पर है। चौथे फेज के कुल छह कॉरिडोर्स का काम पूरा होते ही दिल्ली-NCR (National Capital Region) के 30 लाख से अधिक लोगों का सफर और आसान हो जाएगा। चौथे चरण की परियोजना के तहत 6 कॉरिडोर्स के तहत कुल 103.94 किलोमीटर की लंबाई है, जिस पर पांच साल के भीतर चरणबद्ध तरीके से निर्माण कार्य होना है। इस बाबत सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) आदेश भी जारी कर चुका है कि  अब और इंतजार नहीं किया जा सकता है, मेट्रो फेज-4 का काम जल्द से जल्द शुरू हो। साथ ही पांच साल में सभी छह कॉरिडोर्स का निर्माण किया जाना है। 

गौरतलब है कि पिछले दिनों केंद्र में सत्तासीन राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन सरकार और दिल्ली में सत्तासीन आम आदमी पार्टी सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को सूचित किया है कि उन्होंने मेट्रो के चौथे फेज के तहत मुकुंदुपुर-मौजपुर, आरकेआश्रम-जनकपुरी वेस्ट और ऐरो सिटी-तुगलकाबाद कॉरिडोर के लिए जारी कर दिए हैं। कोर्ट में दी गई जानकारी के मुताबिक, 200 करोड़ रुपये केंद्र सरकार तो 600 करोड़ रुपये दिल्ली सरकार की ओर से जारी किए गए हैं। बता दें कि दिल्ली कैबिनेट ने दिसंबर, 2018 में तीनों कॉरिडोर्स के निर्माण के लिए कुल लागत 5,994.5 करोड़ रुपये की मंजूरी दी थी। वहीं, इन सभी 6 कॉरिडोर्स के निर्माण पर कुल 24,948.65 करोड़ रुपये की लागत आएगी।

गौरतलब है कि चौथे फेज के तहत तीन अन्य कॉरिडोर्स रिठाला-बवाना-नरेला, इंद्रलोक-इंद्रप्रस्था और लाजपतनगर-साकेत जी ब्लॉक का भी निर्माण होना है। दिल्ली मेट्रो के चौथे चरण की परियोजना के तहत कुल 103.94 किलोमीटर की लंबाई में मेट्रो का विस्तार होना है। सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा है कि यह परियोजना हर हाल में पांच के दौरान पूरी होनी है। 

इससे पूर्व दिल्ली सरकार के वकील की ओर से सुप्रीम कोर्ट में बताया जा चुका है कि दिल्ली सरकार चौथे चरण को आगे बढ़ाने के लिए तैयार है और इससे जुड़ी सारी औपचारिकताएं सरकार की ओर से पूरी की जा चुकी हैं। वहीं, सुनवाई के दौरान कोर्ट पर्यावरण प्रदूषण नियंत्रण अथॉरिटी (इपीसीए) की उस रिपोर्ट पर विचार कर रही थी, जिसमें चौथे चरण का काम 2014 से अटके होने की जानकारी दी गई थी। बावजूद इसके कोर्ट ने सारे व्यवधान पर कार्रवाई के लिए कहा था।

चौथे चरण में ये हैं छह कॉरिडोर

  • एयरोसिटी-तुगलकाबाद
  • इंद्रलोक-इंद्रप्रस्थ
  • लाजपत नगर- साकेत जी ब्लॉक
  • मुकुंदपुर-मौजपुर
  • जनकपुरी वेस्ट-आरके आश्रम
  • रिठाला से बवाना और नरेला

यहां पर  बता दें कि केंद्र सरकार काफी पहले ही दिल्ली में मेट्रो रेल के चौथे चरण को मंजूरी दे चुकी है। केंद्र सरकार के मुताबिक, इन सभी कॉरिडोर्स के निर्माण पर कुल 24,948.65 करोड़ रुपये की लागत आएगी। केंद्र ने मंजूरी के साथ यह भी दावा किया था कि इन सभी कॉरिडोर्स के बन जाने के बाद जहां सड़कों पर लगने वाले जाम से लोगों को राहत मिलेगी वहीं, सफर आसान होने के साथ प्रदूषण भी कम होगा। 

सुनवाई के दौरान एडिशनल सॉलिसिटर जनरल ने सुप्रीम कोर्ट की पीठ को जानकारी दी थी कि केंद्र सरकार दिल्ली मेट्रो के चौथे के निर्माण के लिए मेट्रो रेल पॉलिसी, 2017 (Metro Rail Policy) के तहत फंड मुहैया कराया गया है। यह भी जानकारी कोर्ट को दी गई कि मेट्रो की इसी पॉलिसी के तहत भोपाल, इंदौर (मध्य प्रदेश), कानपुर और आगरा (उत्तर प्रदेश) और पटना (बिहार) को भी दिल्ली मेट्रो फेज-4 की तरह धन राशि प्रदान की गई है। इस पर सुप्रीम ने कहा था कि वह और इंतजार नहीं कर सकते और जल्द ही मेट्रो फेज-4 पर काम शुरू होना चाहिए।

यहां पर बता दें कि 3 मई, 1995 को अस्तित्व में आया दिल्ली मेट्रो रेल निगम दिल्ली के साथ एनसीआर के शहरों फरीदाबाद, गुरुग्राम, नोएडा, गाजियाबाद, बहादुरगढ़ समेत तकरीबन दर्जनभर शहरों में मेट्रो संचालन करता है। हाल ही में दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन ने घाटे में चल रही गुरुग्राम रैपिड मेट्रो का भी अधिग्रहण किया है। इस रैपिड रेल का लाभ रोजाना 60,000 यात्री उठाते हैं।

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