गाजियाबाद। त्योहारी सीजन खत्म होने के बाद अब जीडीए के कई प्रॉजेक्ट रफ्तार पकड़ेंगे। इनमें सबसे महत्वपूर्ण मेट्रो एक्सटेंशन का प्रॉजेक्ट है। जो नोएडा सेक्टर-62 से मोहननगर तक का है। इस प्रॉजेक्ट की डीपीआर लंबे समय से डीएमआरसी के पास अटकी हुई है। जीडीए वीसी कंचन वर्मा ने पिछले दिनों दस दिन के भीतर इस प्रॉजेक्ट की डीपीआर देने का निर्देश डीएमआरसी को दिया था। अब यह टाइम बुधवार को पूरा हो गया। उम्मीद की जा रही है कि इस सप्ताह डीएमआरसी इस प्रॉजेक्ट की डीपीआर जीडीए को सौंप देगा। इसके बाद जीडीए इस प्रॉजेक्ट की डीपीआर के साथ ही फंडिंग के तरीकों को लेकर शासन को पत्र भेजेगा। जीडीए चाहता है कि इस प्रॉजेक्ट में 50 फीसदी हिस्सेदारी प्रदेश सरकार की तरफ से की जाए। 20 फीसदी केंद्र सरकार की तरफ से और बाकी 30 फीसदी हिस्से को अलग-अलग विभागों की तरफ से लिया जाए। इससे किसी एक विभाग पर इस प्रॉजेक्ट का आर्थिक भार नहीं पड़ेगा।
स्टेशन को लेकर है अड़ंगा
बताया जा रहा है कि इस प्रॉजेक्ट के डीपीआर में साहिबाबाद स्टेशन को लेकर अड़ंगा लगा हुआ है। क्योंकि इसमें डीएमआरसी और एनसीआरटीसी को अपने-अपने स्टेशन को एक-दूसरे के पास लाने का निर्देश पिछले दिनों दिया गया था। डीएमआरसी अपने एलाइनमेंट में बदलाव करने को तैयार है लेकिन एनसीआरटीसी की तरफ से अभी तक हामी नहीं भरी गई है। जिसकी वजह से डीपीआर तैयार नहीं हो पा रही है।
स्काईवॉक बनाकर दोनों स्टेशनों को जोड़ने की प्लानिंग
अधिकारियों ने बताया कि साहिबाबाद में हाईस्पीड और मेट्रो स्टेशन को स्काईवॉक बनाकर जोड़ने की प्लानिंग है। जिससे यात्री एक स्टेशन से दूसरे स्टेशन पर आसानी से आ-जा सकें। इसलिए दोनों स्टेशनों को पास-पास लाने के लिए कवायद चल रही है। साथ ही यहां पर बस अड्डे से हाईस्पीड ट्रेन के स्टेशन को लिंक अप किया जाएगा।
इन प्रॉजेक्टों पर भी शुरू होगा काम
हिंडन पुल के तोड़ने का काम खत्म हो चुका है लेकिन दिवाली व अन्य त्योहार होने की वजह से अभी इसके निर्माण का काम शुरू नहीं हो सका था। लेकिन अब दिवाली के बाद इस पर काम शुरू होगा। वहीं दूसरी तरफ मधुबन बापूधाम में बनने वाले आरओबी पर भी दिवाली के बाद काम शुरू करवाने की बात सेतु निगम के अधिकारी कह रहे हैं।
मेट्रो एक्सटेंशन के डीपीआर को जल्द से जल्द देने के लिए डीएमआरसी को करीब 10 दिन पहले कहा गया था। अब ऑफिस खुलने के बाद इसका अपडेट लिया जाएगा। डीपीआर मिलने के बाद इसे शासन के पास भेजा जाएगा। – वीएन सिंह, चीफ इंजीनियर, जीडीए