ऩई दिल्ली। हरियाणा और महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों के नतीजे साफ हो गए हैं. चुनावी रण के बाद दोनों राज्यों में दोबारा बीजेपी की सरकार बनने के आसार बनते नजर आ रहे हैं. लेकिन उस उम्मीद से नहीं, जिसकी बीजेपी को उम्मीद थी. दोनों ही राज्यों में बीजेपी की सीटें घटी हैं. हरियाणा की 90 पर 75 पार का नारा देने वाली बीजेपी को सिर्फ 40 सीटों से संतोष करना पड़ा.
वहीं महाराष्ट्र में भी बीजेपी-शिवसेना गठबंधन के लिए नतीजे कुछ खास उत्साहजनक नहीं रहे. बीजेपी-शिवसेना गठबंधन फिर से सरकार बनाने की स्थिति में तो है. लेकिन 2014 के विधानसभा चुनाव में जहां बीजेपी और शिवसेना अलग-अलग लड़ी थीं. वहीं इस बार दोनों एक साथ लड़ीं और दोनों की सीटें कम हो गईं. वहीं कांग्रेस और एनसीपी गठबंधन सत्ता से दूर रहा लेकिन दोनों ही पार्टियों की सीटों में इजाफा हुआ है. महाराष्ट्र में बीजेपी को 105 सीटें मिली है. बीजेपी की सहयोगी शिवसेना ने 56 सीटें जीतने में कामयाबी हासिल की है. वहीं कांग्रेस 44 सीटें अपने नाम कर चुकी है. कांग्रेस की सहयोगी राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी ने 54 सीटें जीती हैं.
हरियाणा में जोड़-तोड़ की नौबत
हरियाणा में फिर से सरकार बनाने के लिए बीजेपी के सामने जोड़-तोड़ की नौबत आ गई है. हरियाणा में सबसे बड़ी पार्टी बनने के बावजूद बीजेपी बहुमत हासिल नहीं कर सकी है. आजतक-एक्सिस माय इंडिया को छोड़कर लगभग सभी बड़े पोलस्टर्स ने हरियाणा में बीजेपी की दमदार वापसी की भविष्यवाणी की थी लेकिन आज जब नतीजे आए तो साफ लग रहा है कि जो दिख रहा था, जमीन पर वैसी तस्वीर नहीं थी.
खट्टर के 5 बड़े मंत्री चुनाव हारे
खट्टर सरकार के 5 बड़े मंत्री चुनाव हारे हैं. इसमें झज्जर जिले की बादली सीट पर कृषि मंत्री ओपी धनखड़, हिसार जिले की नारनौंद सीट से वित्त मंत्री कैप्टन अभिमन्यु, महेंद्रगढ़ से शिक्षा मंत्री रामबिलास शर्मा, सोनीपत से शहरी निकाय मंत्री कविता जैन और पानीपत के इसराना से परिवहन मंत्री कृष्ण लाल पंवार चुनाव हार गए. इसके अलावा हरियाणा बीजेपी के अध्यक्ष सुभाष बराला भी फतेहाबाद के टोहाना से हार गए.
हरियाणा में जेजेपी बनी किंगमेकर
भले ही हरियाणा में बीजेपी आंकड़ों में नंबर 1 पार्टी है लेकिन किंगमेकर की भूमिका में जेजेपी के नेता दुष्यंत चौटाला आ गए हैं. जेजेपी के पास ऐसे नंबर हैं कि वो बीजेपी के पास जाए तो उनका गेम बनेगा और कांग्रेस से मिल जाए तो 5 साल बाद हरियाणा में कांग्रेस की वापसी का रास्ता खुल सकता है.
बीजेपी ने अभी खुलकर तो जेजेपी से समर्थन मांगने जैसी बातें नहीं कही हैं लेकिन कांग्रेस ने बीजेपी विरोधियों को खुला संकेत दे दिया है. हरियाणा में कांग्रेस को संजीवनी दिलाने के लिए फिर से काम पर लगाए गए पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने ऐलान कर दिया है कि जनादेश बीजेपी के खिलाफ है लिहाजा सभी विपक्षी दल साथ आ जाएं. शुक्रवार को जेजेपी की बैठक होगी, जिसमें फैसला लिया जाएगा.
महाराष्ट्र में कौन बनेगा मुख्यमंत्री?
बीजेपी 200 पार का लक्ष्य लेकर महाराष्ट्र के चुनावी रण में उतरी थी. लेकिन चुनाव प्रचार में स्थानीय मुद्दों पर ज्यादा जम्मू और कश्मीर से अनुच्छेद 370 का हटाया जाना, पाकिस्तान, राष्ट्रवाद जैसे मुद्दे हावी दिखे. दूसरी तरफ किसानों की खुदकुशी, पानी का संकट और पीएमसी बैंक घोटाला जैसे मुद्दे लोगों को मथ रहे थे.
हालांकि इससे एनडीए के बहुमत पर कोई असर नहीं पड़ा लेकिन सीटें जरूर घट गईं. दूसरी तरफ विपक्ष में एनसीपी के शरद पवार ने 79 साल की उम्र में पूरी ताकत झोंक दी. अपने खिलाफ ईडी के नोटिस को उन्होंने दिल्ली बनाम शिवाजी का मामला बना दिया जब ये कहा कि शिवाजी ने हमें सिखाया है कि दिल्ली से कभी डरना नहीं. शाम 4 बजे के बाद बीजेपी दफ्तर पहुंचे मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने सहयोगियों और कार्यकर्ताओं का आभार जताया और जनता का धन्यवाद किया.
जीत की औपचारिक बधाई कबूलते हुए ये सोचकर जीत का कद बढ़ाया कि महाराष्ट्र में कई दशकों बाद पूर्ण बहुमत की सरकार ने वापसी की है. लेकिन महाराष्ट्र की जीत में शिवसेना ने बीजेपी को सोच में डाल दिया है. शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने महाराष्ट्र में सीएम पद को लेकर फिफ्टी-फिफ्टी का शिगूफा छोड़ दिया है. यानी ढाई साल सीएम बीजेपी का और ढाई साल सीएम शिवसेना का. उन्होंने कहा कि 50-50 फॉर्म्युले पर पीछे नहीं हटेंगे और जो तय हुआ था वही होगा. हालांकि फडणवीस ने भी तयशुदा समझौते पर चलने की बात कही.
जानिए उपचुनाव में कौन कहां से जीता
उत्तर प्रदेश की 11 विधानसभा सीटों पर हुए उपचुनाव में बीजेपी ने 7, उसकी सहयोगी अपना दल (सोनेलाल) ने 1 और समाजवादी पार्टी ने 3 सीटों पर जीत हासिल की. कांग्रेस का उपचुनाव में भी खाता नहीं खुल सका. वहीं गुजरात की 6 सीटों पर हुए उपचुनाव में 3 बीजेपी और 3 कांग्रेस के खाते में गईं. मध्य प्रदेश में एक सीट पर उपचुनाव हुआ, जिस पर कांग्रेस जीती. बिहार में भी एनडीए को झटका लगा है.
5 सीटों पर हुए उपचुनावों में 2 राष्ट्रीय जनता दल, 1 जेडीयू, 1 निर्दलीय और 1 एआईएमआईएम जीती. वहीं पंजाब की 4 सीटों पर 3 कांग्रेस और एक शिरोमणि अकाली दल ने जीती. राजस्थान की दो सीटों पर हुए उपचुनाव में एक कांग्रेस और एक राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी ने फतह हासिल की. दूसरी ओर केरल की 5 सीटों पर हुए उपचुनाव में कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया (मार्कवादी) ने 2, कांग्रेस ने 2 और इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग 1 सीट पर विजयी रही.
पीएम मोदी ने की फडणवीस और खट्टर की तारीफ
हरियाणा और महाराष्ट्र के विधानसभा चुनावों के नतीजे गुरुवार को आने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भाजपा मुख्यालय पर कार्यकर्ताओं को संबोधित किया, और उन्होंने चुनाव परिणामों पर खुशी जताते हुए कहा कि दोनों राज्यों में फिर से बनने जा रही भाजपा की सरकारें पिछली बार से भी ज्यादा काम करेंगी. मोदी ने मनोहर लाल खट्टर और देवेंद्र फडणवीस की तारीफ करते हुए कहा कि उनके नेतृत्व में आने वाले पांच साल विकास के होंगे.
प्रधानमंत्री ने पूरे भाषण में संकेत दे गए कि भाजपा दोनों मुख्यमंत्रियों के नेतृत्व में ही सरकार बनाएगी.दरअसल हरियाणा में खट्टर के नेतृत्व में भाजपा के इस बार बहुमत से चूक जाने के कारण विकल्प के तौर पर किसी नए चेहरे को लेकर भी अटकलें लगने लगी थीं. मोदी ने कहा, ‘हरियाणा में दोबारा सबसे बड़े दल के रूप में आना बड़ी बात है। पांच साल में थोड़ा एंटी स्टेब्लिशमेंट होता है, फिर भी पिछली बार की तुलना में इस बार तीन प्रतिशत अधिक वोट जोड़ना बड़ी बात