गाज़ियाबाद

बलि के लिए उल्लुओं की तस्करी करने वाले दो लोग गिरफ्तार, 5 उल्लू बरामद

गाजियाबाद। इंदिरापुरम इलाके में पुलिस ने दो उल्लू तस्करों को गिरफ्तार किया गया है। आरोपी के पास से उल्लू के पांच बच्चे मिले हैं। इन उल्लुओं को दीवाली के मौके पर अंधविश्वास और तंत्र मंत्र लिए बाजार में बेचने के लिए ले जाया जा रहा था।

दीपावली को खुशियों का त्यौहार माना जाता है लेकिन कुछ लोग ऐसे भी हैं जो इस बेजुबान पक्षी का कत्ल करने से भी नहीं हिचकते। उल्लू को मां लक्ष्मी की सवारी माना जाता है लेकिन किसी भी ग्रंथ में इसे मारने या इसकी बलि चढ़ाने की बात नहीं लिखी। इसके बावजूद कुछ अंधविश्वासी और लालची लोग इनकी तस्करी करते हैं। लेकिन आप याद रखना चाहिए कि उल्लू में भारत में एक संरक्षित पक्षी है और इसका शिकार करना या घर में पालना पूरी तरह से प्रतिबंधित है। वन्यजीव अधिनियम 1972 के तहत दोषियों के खिलाफ सख्त कराईवाई प्रावधान है।

वन्यजीव अधिनियम 1972  में उल्लू पकड़ने पर सात साल की जेल
नवाब वाजिद अली शाह प्राणी उद्यान के निदेशक डॉ आरके सिंह ने बताया कि वाइल्ड लाइफ अधिनियम के तहत उल्लू को श्रेणी ‘एक’ में रखा गया है। ‘श्रेणी एक’ में रखे जाने वाले पशु-पक्षियों को सुरक्षित रखा जाना अनिर्वाय होता है। ऐसे में उल्लू के घोसलें, अंडों, तस्करी, घरों में पालना, शिकार करना अपराध है। वन्यजीव अधिनियम 1972 के तहत तस्करी करने वालों को 7 साल की सजा और जुर्माने का प्रावधान है।

two held in owl smuggling

10 हजार से 1 लाख तक बिकते हैं दीवाली पर उल्लू: 
वन्यजीवों पर शोध कार्य कर चुके डॉ. जितेंद्र शुक्ला साल 2008 से वाइल्ड लाइफ रिसर्च पर काम कर रहे हैं। उन्होंने थामेंडियर पर शोध करने संग ही सांपों, सारस और गौरय्या के संरक्षण के लिए काम किया है। हाल ही में उन्होंने दीवाली पर उल्लू की खरीद फरोख्त पर एक शोध किया है। उन्होंने बताया कि राजधानी के पक्षी बाजारों में दिवाली पर उल्लू के दाम बढ़ जाते हैं। अंधविश्वास से घिरे लोग उल्लू को 10 हजार से 1 लाख रुपए तक में खरीदते हैं। उन्होंने बताया कि लोगों से बातचीत करने पर उन्होंने बताया कि उल्लू के नाखून, हड्डियां, चोंच और आंखे इन अंगों के लिए इनकी बलि दी जाती है।

गरीबों की मदद करने से प्रसन्न होती हैं मां लक्ष्मी
ज्योतिषाचार्या पं शक्तिधर त्रिपाठी ने बताया कि उल्लू मां लक्ष्मी का वाहन होता है जिसको शुभ माना जाता है। उन्होंने बताया कि शास्त्रों में उल्लूओं की बलि देने का कोई प्रमाण नहीं है। दिवाली में मां लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए कमल को अर्पित कर विधिविधान से मां की पूजा अर्चना करें इसके साथ ही गरीबों को भोजन और दान करने से मां लक्ष्मी अपने भक्तों से प्रसन्न होती हैं। 

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
WP2Social Auto Publish Powered By : XYZScripts.com