गाजियाबाद। जनपद की महिलाएं योगी सरकार तक अपनी समस्याएं अब आसानी से पहुंचा सकेंगी। इसके लिए शासन की ओर से तीन नोडल अधिकारियों को नामित किया गया है। अगर जिला स्तर पर महिलाओं की समस्याओं का समाधान नहीं होता है तो शासन को भेजा जाएगा। इसके बाद शासन स्तर से समस्या का समाधान किया जाएगा। साथ ही महिलाओं से संबंधित कार्यक्रम और योजनाओं की समीक्षा भी की जाएगी।
शासन की ओर से आईपीएस अधिकारी रेणुका मिश्र, पीसीएस अधिकारी कुमारी शेरी और पीपीएस अधिकारी इन्दू सिद्धार्थ को गाजियाबाद का नोडल अधिकारी नामित किया गया है। इन्हें शासन की ओर से महिला सशक्तिकरण के लिए संचालित कार्यक्रम और योजनाओं का स्थलीय निरीक्षण किया जाएगा। इस दौरान नामित अधिकारी सभी महिलाओं की समस्या सुनेंगी और उनका समाधान किया जाएगा।
जिला प्रोबेशन अधिकारी ने बताया कि महिलाओं और बालिकाओं के साथ होने वाले भेदभाव, हानिकारक कुप्रथाओं का पूर्ण रूप से खत्म करने के लिए काम किया जा रहा है। साथ ही महिलाओं को राजनैतिक, आर्थिक और जीवन में निर्णय लेने के लिए महिलाओं को सहयोग देने के लिए भी काम किया जा रहा है। इन सभी कार्यों की समीक्षा करने के लिए शासन ने तीन महिला अधिकारियों को नामित किया है। नोडल अधिकारी महिलाओं से संबंधित सभी विभागों का निरीक्षण करेंगी। महिला कल्याण विभाग, गृह विभाग, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग, बाल पुरस्कार एवं पुष्टाहार विभाग, एमएसएमई विभाग, व्यवसायिक शिक्षा विभाग, पंचायती राज विभाग, ग्राम पंचायत विभाग, शिक्षा विभाग में संचालित सभी योजनाओं की गहनता से समीक्षा की जाएगी।
महिलाओं से नोडल अधिकारी संवाद करेंगी
नामित नोडल अधिकारी नगरीय और ग्रामीण क्षेत्रों में स्थलीय निरीक्षण के दौरान महिलाओं के साथ संवाद करेंगी। इस दौरान महिलाओं की समस्याओं को सुना जाएगा। समस्या सुनने के बाद तत्काल कार्रवाई करते हुए निस्तारण भी कराया जाएगा। इसके अलावा स्कूल, कॉलेज में पढ़ने वाली छात्राओं की समस्याओं को भी सुना जाएगा। इसमें घरेलू और अन्य अपराधों से पीड़ित बच्चियों के मामलों की समीक्षा की जाएगी। अगर किसी भी मामले में कोई भी लापरवाही मिलेगी तो संबंधित अधिकारी के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। महिलाओं और बालिकाओं की शिकायत मिलने पर भी नोडल अधिकारी जांच करेंगे।
इन मामलों की प्राथमिकता के साथ समीक्षा होगी
महिला नोडल अधिकारी बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ, बाल विवाह रोकथाम, लिंगानुपात, लैंगिक भेदभाव, लैंगिक हिंसा के मामलों की गहनता से समीक्षा की जाएगी। समीक्षा के दौरान देखा जाएगा कि जनपद में इस वर्ष बाल विवाह, लैंगिक भेदभाव और लैंगिक हिंसा के कितने मामले आए साथ ही गत वर्षों की स्थिति की भी जांच की जाएगी। अगर इस वर्ष गत वर्षों के मुकाबले ज्यादा मामले पाए जाते हैं तो संबंधित अधिकारी से इसका कारण पूछा जाएगा। इसके बाद उन बिन्दुओं को ध्यान में रखकर काम करना होगा।
”शासन की ओर से महिलाओं और बालिकाओं की समस्याओं को सुनने और संबंधित कार्यक्रम व योजनाओं की समीक्षा करने के लिए तीन महिला नोडल अधिकारियों को नामित किया गया है। नोडल अधिकारी आज से निरीक्षण करेंगी।” -विकास चंद्रा, जिला प्रोबेशन अधिकारी