नई दिल्ली। अयोध्या राम जन्मभूमि विवाद के जिस मुकदमे पर देश भर की निगाहें लगी हैं उसकी सुनवाई अब समाप्ति की ओर बढ़ चली है। राजनैतिक और सामाजिक रूप से संवेदनशील इस ऐतिहासिक मुकदमे की सुनवाई इसी सप्ताह पूरी हो जाएगी। गुरुवार या अधिकतम शुक्रवार तक सुनवाई पूरी करके सुप्रीम कोर्ट फैसला सुरक्षित रख लेगा। फैसला भी नवंबर के मध्य तक आ जाएगा क्योंकि 17 नवंबर को सुनवाई करने वाली पीठ की अगुवाई कर रहे मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई सेवानिवृत हो जाएंगे। इस सबसे इतना साफ है कि दिवाली के पहले सुनवाई पूरी हो जाएगी और दिवाली के बाद फैसला आ जाएगा।
सुप्रीम कोर्ट में 14 अपीलें दाखिल हैं इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 30 सितंबर 2010 को इस मामले में फैसला सुनाते हुए विवादित जमीन को तीन बराबर हिस्सों में बांटने का आदेश दिया था। एक हिस्सा रामलला विराजमान को दूसरा निर्मोही अखाड़ा और तीसरा हिस्सा मुस्लिम पक्ष को दिया था। रामलला विराजमान को वही हिस्सा दिया गया था जहां वे अभी विराजमान हैं। इस फैसले को सभी पक्षों ने सुप्रीम कोर्ट में अपील दाखिल कर चुनौती दी है। दोनों ओर से क्रास अपीलें दाखिल हुईं हैं। कुल 14 अपीलें हैं। सुप्रीम कोर्ट ने अपीलें विचारार्थ स्वीकार करते हुए मामले में यथास्थिति कायम रखने का आदेश दिया था जो कि अभी लागू है।
संविधान पीठ में नियमित सुनवाई
2010 से लंबित मामले में सुप्रीम कोर्ट की पांच न्यायाधीशों की संविधान पीठ ने गत छह अगस्त से रोजाना नियमित सुनवाई शुरू की थी जो इस सप्ताह पूरी हो जाएगी।
17 अक्टूबर तक सुनवाई पूरी कर ली जाएगी
अभी तक 37 दिन की सुनवाई पूरी हो चुकी है। कोर्ट ने दशहरे की छुट्टियों से पहले कहा था कि मामले की सुनवाई 17 अक्टूबर तक पूरी कर ली जाएगी। हालांकि उसके भी पहले कोर्ट ने सुनवाई का शिड्यूल तय करते हुए कहा था कि सभी पक्ष अधिकतम 18 अक्टूबर तक अपनी बहस पूरी कर लें। मुख्य न्यायाधीश ने उस समय साफ किया था कि कोर्ट किसी भी हालत मे 18 अक्टूबर के बाद सुनवाई नहीं करेगा।
सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड की बहस का आज अंतिम दिन
अभी तक मामले में हिन्दू पक्ष की अपीलों रामलला विराजमान, निर्मोही अखाड़ा, गोपाल सिंह विशारद व अन्य पक्ष जैसे हिन्दू महासभा, श्रीराम जन्मभूमि पुनरोद्धार समिति आदि सभी छह अपीलकर्ताओं की ओर से बहस पूरी हो चुकी है और उनकी अपीलों पर मुस्लिम पक्ष का जवाब व हिन्दू पक्ष का प्रतिउत्तर भी हो चुका है। आजकल सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड की अपील पर राजीव धवन बहस कर रहे हैं। कोर्ट द्वारा तय शिड्यूल के मुताबिक धवन सोमवार को अपनी बहस पूरी कर लेंगे उसके बाद हिन्दू पक्ष को सुन्नी वक्फ बोर्ड की अपील का जवाब देने के लिए मंगल और बुधवार का समय मिलेगा।
शुक्रवार को हर हाल में सुनवाई पूरी हो जाएगी
गुरुवार को अगर जरूरत हुई तो मुस्लिम पक्ष प्रतिउत्तर देगा नहीं तो कोर्ट उसके बाद मोल्डिंग आफ रिलीफ यानी अपील में जो मांग की गई है उसमें कोई बदलाव अगर कोई पक्ष चाहे या कुछ वैकल्पिक राहत की मांग पर सुनवाई होगी। इस तरह सुनवाई गुरुवार को पूरी हो जानी चाहिए, लेकिन अगर कुछ बच गई तो शुक्रवार को हर हाल में पूरी हो जाएगी।