गाजियाबाद। नोएडा सेक्टर-62 से मोहननगर मेट्रो फेज-तीन कॉरिडोर का निर्माण दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन (डीएमआरसी) की जगह यूपी मेट्रो रेल कॉरपोरेशन (यूपीएमआरसी) की ओर से किया जा सकता है। जीडीए ने मेट्रो फेज-तीन कॉरिडोर में फंडिंग के लिए प्रमुख सचिव दीपक कुमार को पत्र भेजा है। यूपीएमआरसी के तहत प्रोजेक्ट के निर्माण के लिए जीडीए को शर्तों का पालन करना होगा। यूपीएमआरसी की फंडिंग की मुख्य शर्त में मेट्रो फेज-तीन कॉरिडोर की लाइन का डीएमआरसी की लाइन से अलग होना अनिवार्य है।
ऐसे में जीडीए मोहननगर में मेट्रो फेज-2 कॉरिडोर और नोएडा सेक्टर-62 मेट्रो स्टेशन से मेट्रो फेज-तीन की लाइन को अलग कर सकता है। फिर मेट्रो फेज-तीन के आखिरी स्टेशनों को स्काई-वे पैदलपार पथ से जोड़ा जाएगा। अगर शासन जीडीए के प्रस्ताव पर हामी भरता है तो प्राधिकरण यूपीएमआरसी के पैटर्न पर ही मेट्रो फेज-तीन कॉरिडोर का निर्माण कराएगा। मेट्रो फेज-तीन कॉरिडोर की कुल लागत करीब 1856 करोड़ है। जीडीए डीएमआरसी से कॉरिडोर की संशोधित डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट (डीपीआर) तैयार करवा रहा है। जीडीए ने शासन से 70 से 80 फीसदी अंशदान करने की मांग की है।
बता दें कि नोएडा इलेक्ट्रॉनिक सिटी से मोहननगर तक प्रस्तावित मेट्रो फेज-3 कॉरिडोर की संशोधित डीपीआर में लंबाई 5.91 किमी है। 1866 करोड़ के इस कॉरिडोर में कुल छह स्टेशन होंगे। फेज-3 कॉरिडोर में वैभवखंड, डीपीआर इंदिरापुरम, शक्तिखंड, वसुंधरा सेक्टर-5, मोहननगर में से सबसे महत्वपूर्ण वसुंधरा सेक्टर-2 स्टेशन है। ऐसे में राज्य सरकार से अंशदान का बड़ा हिस्सा मिलने से जीडीए पर पूर्व के प्रोजेक्ट की तरह अधिक आर्थिक भार नहीं पड़ेगा। वैशाली से साहिबाबाद का मेट्रो फेज-4 कॉरिडोर वसुंधरा सेक्टर-2 मेट्रो स्टेशन से जुड़ना है। फेज-3 में अगर शासन फंडिंग करता है तो फेज-4 को भी इसका लाभ मिलेगा।
स्काई-वे पैदलपार पथ की 200 मीटर तक होगी दूरी
जीडीए अधिकारियों के मुताबिक मेट्रो फेज-तीन कॉरिडोर में पहले ही वसुंधरा सेक्टर-2 में प्रस्तावित मेट्रो जंक्शन को स्काई-वे पैदलपार पथ के जरिए साहिबाबाद में प्रस्तावित रैपिड रेल के स्टेशन को जोड़ा जाना है। इसी के अलाइनमेंट में बदलाव को डीएमआरसी संशोधित डीपीआर तैयार कर रहा है। वहीं, शासन से फंडिंग होने पर यूपीएमआरसी को निर्माण का जिम्मा मिलेगा। यहां नोएडा सेक्टर-62 मेट्रो स्टेशन व मोहननगर स्टेशन से सीधे मेट्रो फेज-तीन का ट्रैक जोड़ने की जगह स्काई-वे पैदलपार पथ के जरिए कनेक्टिविटी दी जाएगी। डीएमआरसी की लाइन से मेट्रो फेज-तीन कॉरिडोर को अलग करने के लिए स्काई-वे की दूरी 100 से 200 मीटर तक की हो सकती है।
नए की जगह पुराने पैटर्न में भी शासन से फंडिंग की मांग
जीडीए अधिकारियों की मानें तो अगर शासन यूपीएमआरसी से मेट्रो फेज-तीन निर्माण कराने पर राजी नहीं होता है तो भी जीडीए की शासन से मांग डीएमआरसी वाले कॉरिडोर में भी 70 फीसदी से ऊपर फंडिंग करने की है। प्राधिकरण की ओर से प्रोजेक्ट के बड़े खर्च को वहन न कर पाने के कारण फंडिंग की मांग की जा ही है। मधुबन बापूधाम में 1600 करोड़ से अधिक मुआवजा किसानों को वितरित करने और एलिवेटेड रोड के बड़े प्रोजेक्ट के कारण अब नए बड़े प्रोजेक्ट में हाथ डालने से जीडीए कतरा रहा है।
मेट्रो फेज-तीन की फंडिंग के लिए शासन को फिर से पत्र लिखा गया है। यूपीएमआरसी के जरिए कॉरिडोर का निर्माण कराने के लिए शर्तों के तहत जीडीए कॉरिडोर की लाइन को डीएमआरसी की लाइन से अलग रख सकता है। – कंचन वर्मा, उपाध्यक्ष, जीडीए
फेज तीन से बदल जाएगी सूरत
मेट्रो फेज-3 के पूरा होने के बाद दिल्ली-एनसीआर में यातायात व्यवस्था की सूरत बदल जाएगी। अभी तक इंदिरापुरम, वसुंधरा और वैशाली का मेट्रो से आपस में कनेक्शन नहीं है। यह तीनों मेट्रो से सीधे कनेक्ट नहीं होते। लाखों लोगों की आबादी यहां पर मेट्रो की सुविधा से वंचित है। फेज तीन से लाखों लोगों को ऑफिस और क्षेत्र आने-जाने में सुविधा हो जाएगी। नोएडा से सीधे मोहननगर मेट्रो लाइन आने पर गाजियाबाद से भी मेट्रो नेटवर्क जुड़ जाएगा। गाजियाबाद में नया बस अड्डा से मेट्रो का संचालन शुरू हो चुका है। मोहननगर में मेट्रो स्टेशन है। यहां से लाइन शाहदरा की ओर जाती है। इस तरह नोएडा और गाजियाबाद जिले पूरी तरह दिल्ली मेट्रो से जुड़ जाएंगे। वहीं यातायात में रैपिड ट्रेन का काम भी शुरू हो चुका है। मेरठ से दिल्ली तक रैपिड ट्रेन चलनी है। दुहाई से साहिबाबाद तक 2023 तक रैपिड ट्रेन शुरू हो जाएगी।