नई दिल्ली। एक लंबे इंतजार और विवादों की दीवार को पार करते हुए आखिरकार भारत को पहला फ्रांसीसी लड़ाकू विमान राफेल मिल ही गया है. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने मंगलवार को शस्त्र पूजा करने के साथ ही दसॉल्ट कंपनी से पहले राफेल विमान को रिसीव किया, इसी के साथ भारत आसमान में और भी अधिक शक्तिशाली हो गया है. हालांकि, भारतीय वायुसेना के बेड़े में शामिल होने में राफेल विमान को अभी लंबा वक्त लगेगा, क्योंकि अभी तो भारतीय वायुसेना के जवानों की ट्रेनिंग शुरू होगी.
कब भारतीय वायुसेना में शामिल होगा राफेल?
भारत फ्रांस से कुल 36 राफेल लड़ाकू विमान खरीद रहा है, मंगलवार को इसी किस्त का पहला विमान राजनाथ ने रिसीव किया. हालांकि, ये सिर्फ आधिकारिक हैंडओवर है अभी ये विमान फ्रांस में ही रहेगा, जहां वायुसेना के जवान इसकी ऑपरेशनल ट्रेनिंग लेंगे.
36 विमानों में से 4 विमानों की पहली किस्त मई 2020 तक भारत को मिलेगी और ये विमान हिंदुस्तान की धरती पर पहुंचेंगे. लेकिन इसके बाद इस्तेमाल में लाने में भी इसे समय लगेगा और फरवरी 2021 तक जाकर ये विमान पूरी तरह से ऑपरेशनल होंगे.
गौरतलब है कि भारतीय वायुसेना को जो 36 विमान मिलने हैं, उनके भारत पहुंचने की डेडलाइन सितंबर, 2022 है. यानी अगले तीन साल में सभी 36 राफेल लड़ाकू विमान भारत पहुंच सकते हैं जो कि वायुसेना को दमदार बनाने के लिए काफी हैं. भारत-फ्रांस के बीच हुई इस डील की कीमत करीब 59 हजार करोड़ रुपये की थी.
पहले शस्त्र पूजा और राफेल हुआ हमारा…
मंगलवार को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने दशहरा के अवसर पर राफेल विमान को रिसीव किया, इसे रिसीव करने से पहले राजनाथ ने विधिवत रूप से शस्त्र पूजा की. इस दौरान फिर चाहे राफेल पर रोली से ‘ऊँ’ लिखना हो या फिर पहिया चलने से पहले नींबू रखना राफेल विमान के कार्यक्रम के दौरान पूरा देसी अंदाज दिखा. इस पूजा के बाद राजनाथ सिंह ने करीब आधे घंटे राफेल विमान में उड़ान भी भरी और इसी के साथ उन्होंने इतिहास रच दिया, इससे पहले उन्होंने स्वदेसी लड़ाकू विमान तेजस उड़ाया था.
राफेल में कितनी ताकत, कहां होगा तैनात?
राफेल विमान को फ्रांस के द्वारा भारतीय वायुसेना के हिसाब से बनाया गया है, जिसमें भारत की जरूरतों का ध्यान रखा गया है. भारत को जो राफेल मिला है उसका टेल नंबर RB001 है. बताया जा रहा है कि जो 36 विमान भारत को मिलने हैं, उनमें से 18 अंबाला एयरबेस और 18 अरुणाचल प्रदेश के आसपास तैनात होंगे. यानी भारत पाकिस्तान और चीन से मिलने वाली चुनौती के लिए हर तरह से तैयार है.
राफेल विमाम 4.5 जेनरेशन का लड़ाकू विमान है जो भारतीय वायुसेना में एक तरह से जेनरेशन का बदलाव होगा. इस विमान में 24500 Kg. भार ढोने की क्षमता है, साथ ही विमान के जरिए एक साथ 125 राउंड गोलियां निकलती हैं जो किसी को भी चीर कर रख सकती हैं. इस विमान में भारत के लिए स्पेशली दो तरह की मिसाइल लगाई गई हैं, जो हर खतरे को खत्म करने के लिए तैयार हैं.