मुंबई. मुंबई मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन (MMRC) ने बताया कि उत्तरी मुंबई की आरे कॉलोनी (Aarey Colony) में 2,141 पेड़ काटे जा चुके हैं. इस जगह पर कार शेड (Car Shed) बनाया जाएगा. बता दें कि आज सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने आदेश दिया कि आरे कॉलोनी में अब कोई पेड़ नहीं काटा जाए. घने जंगल के कारण आरे कॉलोनी को मुंबई का फेफड़ा ungs of City) कहा जाता है. मुंबई मेट्रो ने कहा कि अब सुप्रीम कोर्ट के अगले आदेश तक इलाके में कोई पेड़ नहीं काटा जाएगा.
‘कानूनी अड़चनों को दूर करने के कारण परियोजना छह महीने पीछे चल रही है’
एमएमआरसी ने कहा कि पेड़ काटकर खाली किए जा चुके हिस्से में निर्माण गतिविधियां (Construction Activity) जल्द शुरू कर दी जाएंगी. इससे पहले महाराष्ट्र (Maharashtra) की देवेंद्र फडणवीस सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश की व्याख्या करते हुए कहा था कि शीर्ष अदालत ने पेड़ों को काटने के मामले में यथास्थिति बनाए रखने को कहा है. इसके बाद मुंबई मेट्रो की ओर से निर्माण गतिविधियां शुरू करने का बयान राज्य सरकार की ओर से की गई आदेश की व्याख्या की पुष्टि कर रहा है. वहीं, एमएमआरसी ने कोर्ट को बताया कि कानूनी अड़चनों को दूर करने में परियोजना में पहले ही छह महीने की देरी हो चुकी है.
एमएमआरसी ने शुक्रवार रात आरे इलाके में गिरा दिए थे सैकड़ों पेड़
मेट्रो निर्माण के लिए आरे के जंगलों में 2,646 पेड़ काटने की योजना थी, लेकिन सोमवार को सुप्रीम कोर्ट के आदेश के आद महाराष्ट्र सरकार (Maharashtra Government) ने संकेत दिए कि खाली किए गए इलाके में कार शेड निर्माण कार्य शुरू कर दिया जाएगा. महाराष्ट्र सरकार ने शीर्ष अदालत को बताया था कि कार शेड के लिए जरूरी हिस्से से पेड़ काटे जा चुके हैं. वहीं, मुंबई मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन (MMRC) कोर्ट को बताया कि उसने 23,846 पौधे लगा दिए हैं. वहीं 25,000 पौधे बांट दिए हैं. एमएमआरसी ने शुक्रवार की रात से आरे इलाके में पेड़ों की कटाई शुरू कर दी थी.
बॉम्बे हाईकोर्ट ने आरे कॉलोनी वन क्षेत्र घोषित करने से कर दिया था मना
बॉम्बे हाईकोर्ट ने शुक्रवार दिन में आरे कॉलोनी को वन क्षेत्र घोषित करने से इनकार कर दिया था. साथ ही सामाजिक कार्यकर्ताओं और स्थानीय लोगों के विरोध के बावजूद मुंबई म्युनिसिपल कॉर्पोरेशन के पेड़ों को काटने का आदेश खारिज करने से भी इनकार कर दिया था. शुक्रवार रात पेड़ों को काटने की वजह से लोग गुस्सा गए और उन्होंने विरोध प्रदर्शन किया. इसके बाद 29 प्रदर्शनकारियों को पुलिस कर्मियों पर हमला करने और सरकारी काम में रुकावट डालने के लिए गिरफ्तार कर लिया गया.