नई दिल्ली। आइएनएक्स मीडिया मामले (INX Media Case) में पूर्व केंद्रीय मंत्री और वरिष्ठ कांग्रेस नेता पी चिदंबरम की जमानत याचिका पर दिल्ली हाई कोर्ट आज फैसला सुनाया। फैसले से चिदंबरम को झटका लगा है। उनकी जमानत याचिका को कोर्ट ने स्वीकार नहीं किया है। कोर्ट ने फैसला सुनाने के दौरान कहा कि चिदंबरम सबूतों के साथ छेड़छाड़ नहीं कर सकते हैं मगर केस को प्रभावित कर सकते हैं। कोर्ट ने यह भी कहा कि वह लोकसभा के सांसद और बार के सदस्य हैं उनका समाज में प्रभाव है। ऐसे में वह सबूतों को प्रभावित कर सकते हैं। शुक्रवार को हाई कोर्ट ने सुनवाई पूरी कर फैसला सुरक्षित कर रख लिया था।
11 सितंबर को किया था दिल्ली हाईकोर्ट का रुख
बता दें कि आइएनएक्स मीडिया केस में अरेस्ट किए गए पूर्व वित्त मंत्री ने अपनी जमानत के लिए 11 सितंबर को दिल्ली हाईकोर्ट का रुख किया था। चिदंबरम ने आईएनएक्स मीडिया मामले में 14 दिनों की न्यायिक हिरासत के सीबीआई अदालत के आदेश को भी चुनौती दी है। इस मामले की जांच केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) कर रहा है।
क्या है आइएनएक्स मामला
दरअसल, आइएनएक्स एक मीडिया कंपनी है। इसके खिलाफ 15 मई 2017 को एक एफआइआर दर्ज की गई थई। इसमें आरोप लगाया है कि इस मीडिया कंपनी को फायदा पहुंचाने के लिए विदेशी निवेश को स्वीकृति देने वाले विभाग फॉरने इनवेस्टमेंट प्रमोशन ने इसमें कई गड़बड़ियां पाईं। ऐसे में निवेश का काम जब किया गया था तो तो उस समय पी. चिदंबरम वित्त मंत्री रहे थे।
बेटे कीर्ति पर भी लगे आरोप
पी. चिदंबरम के अलावा उनके बेटे कीर्ति चिदंबरम के खिलाफ भी आरोप तय किए थे। इस दौरान कीर्ति पर आरोप लगा था कि उन्होंने आइएनएक्स मीडिया के खिलाफ जांच रुकवाने के मामले में गबन किया। वहीं सीबीआइ का कहना है कि आइएनएक्स मीडिया की पूर्व डायरेक्टर इंद्राणी मुखर्जी ने खुलासा किया था कि कीर्ति ने उनसे पैसों की मांग की थी। बता दें कि इंद्राणी मुखर्जी अपनी बेटी शीना बोरा की हत्या के आरोप में जेल में बंद हैं।