नई दिल्ली। इस बार नवरात्र 29 सितम्बर से शुरू हो रहे हैं। सनातन धर्म के मानने वाले नवरात्र के पहले दिन घर में मां दुर्गा के कलश की स्थापना करते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कलश स्थापना करने के कुछ खास नियम और शुभ मुहूर्त भी होता है। जिसमें पूजा करने से आप माता रानी को झट से प्रसन्न कर सकते हैं।
दुर्गा की कृपा पाने के लिए कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त सुबह 6 बजकर 16 मिनट से लेकर 7 बजकर 40 मिनट तक रहने वाला है। इसके अलावा जो भक्त सुबह कलश स्थापना न कर पा रहे हो उनके लिए दिन में 11 बजकर 48 मिनट से लेकर 12 बजकर 35 मिनट तक का समय कलश स्थापना के लिए शुभ रहने वाला है।
ये है कलश स्थापना का सही तरीका-नवरात्र के पहले दिन जो घट स्थापना की जाती है उसे ही कलश स्थापना भी कहा जाता है। कलश स्थापना करने के लिए व्यक्ति को नदी की रेत का उपयोग करना चाहिए। इस रेत में जौ डालने के बाद कलश में गंगाजल, लौंग, इलायची, पान, सुपारी, रोली, कलावा, चंदन, अक्षत, हल्दी, रुपया, पुष्पादि डालें। इसके बाद ‘ॐ भूम्यै नम:’ कहते हुए कलश को 7 अनाज के साथ रेत के ऊपर स्थापित कर दें। कलश की जगह पर नौ दिन तक अखंड दीप जलते रहें। ज्योतिषियों की मानें तो नवरात्र में पूजा की सामग्री अमावस्या की तिथि खत्म होने के बाद ही खरीदना शुभ होता है।
नवरात्र में जरूरी सामग्री :
माता की मूर्ति, चौकी पर बिछाने के लिए लाल या पीला कपड़ा, माता की लाल चुनरी, कलश
ताजा आम के पत्ते, फूल माला, एक जटा वाला नारियल, पान के पत्ते, सुपारी, इलायची, लौंग, कपूर, रोली सिंदूर, मौली (कलावा), चावल, घी, रुई या बत्ती, हवन सामग्री, पांच मेवा, जवारे बोने के लिए मिट्टी का बर्तन