न्यूयॉर्क। संयुक्त राष्ट्र संघ में पीएम नरेंद्र मोदी ने बुद्ध, स्वामी विवेकानंद और महात्मा गांधी की विरासत का जिक्र कर दुनिया से आतंक के खिलाफ निपटने का आह्वान किया। एक तरफ पीएम मोदी ने अपने संबोधन में भारत के शांतिपूर्ण सहअस्तित्व की परंपरा की बात कही तो वहीं पाकिस्तान के पीएम इमरान खान दुनिया को परमाणु युद्ध की धमकी देते नजर आए। दोनों नेताओं के भाषण के बीच का यही अंतर था कि पीएम नरेंद्र मोदी ने भारत को वैश्विक लीडर के तौर पर पेश किया, जबकि पाक पीएम कश्मीर पर प्रॉपेगैंडा चलाते हुए निजी हमले करते रहे।
वैश्विक मंच से पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा, ‘आतंकवाद के खिलाफ पूरी दुनिया का एकजुट होना जरूरी है। बिखरी हुई दुनिया किसी के भी हित में नहीं है। हमारे पास न तो अपनी सीमाओं में सिमटने का विकल्प है। हमें संयुक्त राष्ट्र को नई शक्ति और नई दिशा देनी ही होगी।’ इसके साथ ही उन्होंने स्वामी विवेकानंद का जिक्र करते हुए कहा, ‘सवा सौ साल स्वामी विवेकानंद ने विश्व धर्म संसद से दुनिया को एक संदेश दिया था। यह संदेश था, सद्भाव और शांति। भारत की ओर से आज भी दुनिया के लिए यही संदेश है।’ पीएम मोदी ने अपनी बात की शुरुआत महात्मा बुद्ध के संदेश से की और अंत शिकागो में विवेकानंद के दिए मंत्र शाति और सद्भाव के मंत्र से किया। इस तरह वह वैश्विक मंच पर पाकिस्तान का जिक्र किए बिना आतंकवाद पर बड़ी लकीर खींच गए।
‘जनकल्याण से जगकल्याण हमारी नीति’
पीएम मोदी ने कहा कि सवाल यह है कि आखिर नए भारत में तेजी से बदलाव कैसे आ रहे हैं। भारत हजारों साल पुरानी एक संस्कृति है, जिसकी अपनी जीवंत परंपराएं हैं। हमारे संस्कार, हमारी संस्कृति जीव में शिव में देखती है। इसलिए हमारा प्राण तत्व है, जनभागीदारी से जनकल्याण। यही नहीं हम जन कल्याण से जग कल्याण तक की बात करते हैं।
कूटनीतिक लिहाज भी भूले पाक PM, बौखलाहट में किए निजी हमले
हालांकि पाकिस्तानी पीएम इमरान खान ने कूटनीतिक लहजे का भी ख्याल न रखते हुए अपने भाषण में पीएम नरेंद्र मोदी पर भी निजी हमले किए। यही नहीं इमरान खान ने सीधे तौर पर भारत का जिक्र करते हुए तमाम झूठे आरोप भी लगाए। कश्मीर में इमरान ने 55 दिनों से कर्फ्यू लगा होने का पूरी तरह से झूठा वादा किया। इससे भी आगे बढ़ते हुए इमरान ने उन्मादी भाषण देते हुए कहा कि कश्मीर में जो हो रहा है, वह मुस्लिमों को हथियार उठाने के लिए प्रेरित करने वाला है। यही नहीं कश्मीर के अपने प्रॉपेगैंडे को उन्होंने इस्लामिक दुनिया से भी जोड़ते हुए कहा कि इसका असर दुनिया के 1.3 अरब मुसलमानों पर भी होगा। बता दें कि इससे पहले भी इमरान खान ने अपने देश की संसद और कई अन्य मौकों पर इसी तरह की बातें कही थीं।
इमरान ने की लड़ने, मरने और हथियार उठाने की बात
इमरान खान ने कहा कि आप सोचें कि यदि कोई देश अपने पड़ोसी देश के मुकाबले 7 गुना छोटा है तो फिर उसके सामने क्या विकल्प है। खुद को सरेंडर करना या फिर लड़ते हुए मरना। हम लड़ने का रास्ता अख्तियार करेंगे।’यदि किसी भी समुदाय के लोगों को इस तरह से बंधक बनाया जाएगा तो उस कम्युनिटी के लोग क्या सोचेंगे। यही नहीं इमरान खान ने कहा कि ऐसी स्थिति में वह खुद भी हथियार उठा लेते। कश्मीर पर भाव न मिलने से खिसियाए पाक पीएम ने कहा कि 1.3 अरब लोगों में से कुछ लोग हथियार उठा लेंगे। ऐसा इस्लाम के चलते नहीं होगा बल्कि मुस्लिमों के साथ अन्याय के चलते होगा।