नई दिल्ली। आम आदमी पार्टी (आप) की बागी विधायक अलका लांबा को विधानसभा अध्यक्ष राम निवास गोयल ने दलबदल कानून के तहत अयोग्य घोषित कर दिया है। आप विधायक सौरभ भारद्वाज की तरफ से पेश किए गए प्रमाण और पार्टी के राष्ट्रीय सचिव पंकज गुप्ता से मिली जानकारी के आधार पर गुरुवार को विधानसभा अध्यक्ष ने फैसला सुनाया। अलका की सदस्यता खत्म होने के साथ ही अब चांदनी चौक विधानसभा सीट खाली हो गई है।
अपने फैसले में रामनिवास गोयल ने कहा है कि शिकायतकर्ता ने प्रमाण के साथ बताया था कि अलका ने कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात की थी। साथ ही यह घोषणा भी की थी कि वह कांग्रेस की प्राथमिक सदस्यता ले रही हैं। इसके अलावा उन्होंने कांग्रेस को मजबूत करने की बात भी कही थी। इससे साबित होता है कि उन्होंने स्वैच्छिक तौर पर आप की सदस्यता छोड़ दी थी।
विधानसभा अध्यक्ष ने अपने आदेश में कहा कि शिकायतकर्ता ने इसके प्रमाण में अलका लांबा के ट्वीट के ऐसे स्क्रीन शॉट भी पेश किए थे, जिसमें वह पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल से इस्तीफा स्वीकार करने की बात कर रही थीं। इसके साथ ही आप के राष्ट्रीय सचिव पंकज गुप्ता ने विधानसभा अध्यक्ष को एक पत्र भेजकर जानकारी दी थी कि विधायक ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया है। इसे छह सितंबर को पार्टी ने स्वीकार भी कर लिया है। विधानसभा अध्यक्ष ने इन सारे साक्ष्यों के आधार पर अलका लांबा को अयोग्य करार दिया है।
इससे पहले बुधवार को इस मामले की सुनवाई हुई थी। हालांकि, सुनवाई के दौरान अलका लांबा ने लिखित तौर पर आप से इस्तीफे और कांग्रेस की सदस्यता लेने के आरोपों से इनकार किया था। जबकि सौरभ भारद्वाज का कहना था कि कानून अपना काम करेगा। दूसरी तरफ फैसला आने के बाद अलका लांबा ने कहा कि अब उनका आप के साथ सफर खत्म हो गया है। वहीं, सौरभ भारद्वाज ने अलका लांबा को मौकापरस्त कहा है।