गाजियाबाद। नोएडा इलेक्ट्रॉनिक सिटी से मोहननगर के बीच प्रस्तावित मेट्रो कॉरिडोर का काम फंड की वजह से अटका हुआ है। अब एक बार फिर जीडीए वीसी कंचन वर्मा ने शासन को पत्र लिखकर इस प्रॉजेक्ट के लिए पूरा फंड देने की मांग की है। उन्होंने कहा कि इस प्रॉजेक्ट में 80 फीसदी फंडिंग राज्य सरकार की और 20 फीसदी केंद्र सरकार की है। अभी तक दूसरे मेट्रो प्रॉजेक्ट में राज्य सरकार की हिस्सेदारी में अलग-अलग विभागों का अंशदान तय किया जाता था। जिसे वसूलने में काफी दिक्कत होती है। इसलिए मेट्रो एक्सटेंशन में आने वाली लागत को राज्य सरकार से मांगा गया है। फंडिंग होने के बाद ही इस प्रॉजेक्ट को तत्काल शुरू करवाया जाएगा।
अटकी हुई है अभी तक डीपीआर
इस प्रॉजेक्ट की डीपीआर अभी तक डीएमआरसी ने जीडीए को नहीं सौंपी है। बताया जा रहा है कि एनसीआरटीसी के साहिबाबाद स्टेशन और डीएमआरसी के साहिबाबाद स्टेशन की बीच दूरी अधिक है। इसलिए दोनों स्टेशनों को पास लाने का फैसला हुआ था। बताया जा रहा है कि एनसीआरटीसी ने अभी अपने स्टेशन के लिए नई लोकेशन की जानकारी डीएमआरसी को नहीं दी है। जिससे वह अभी तक जीडीए को डीपीआर नहीं दे सका है।
दिल्ली की मिल जाएगी कनेक्टिविटी
पहले फेज में नोएडा सेक्टर-62 से मोहननगर तक रूट पर काम होना है। इससे नोएडा रूट की कनेक्टिविटी मोहननगर तक हो जाएगी। अगर नोएडा, इंदिरापुरम, वसुंधरा के लोग अगर दिल्ली या गाजियाबाद जाना चाहते हैं, तो वह इस ट्रैक से आसानी से आवाजाही कर सकेंगे। कॉरिडोर की लंबाई करीब 6 किमी हो गई है। लागत 1786 करोड़ रुपये है। वैशाली मेट्रो लाइन को साहिबाबाद तक विस्तार दिया जाएगा। इस कॉरिडोर की लंबाई घटकर 4 किमी रह गई है। इसकी लागत 1486 करोड़ रुपये है।
लाखों लोगों को मिलेगी सहूलियत
गाजियाबाद से प्रतिदिन डेढ़ लाख लोग एनएच-24 के जरिए नोएडा में किसी न किसी काम से आते हैं। इनमें नौकरी-पेशा वाले लोग भी शामिल हैं। ये लोग मोहननगर से बस, टेंपो व अन्य साधनों से नोएडा के सेक्टर-62, 63, 61, 58 पहुंचते हैं। मोहनगर तक मेट्रो के विस्तार के बाद वे मेट्रो के जरिए नोएडा के इन सेक्टरों तक पहुंच सकेंगे। ऐसे में समय की बचत भी होगी, साथ ही रूट पर लगने वाले जाम से भी राहत मिल जाएगी।