नई दिल्ली। भारत के चंद्रयान-2 मिशन के तहत चंद्रमा पर गए विक्रम लैंडर का पता लगाने में अब अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा भी मदद करेगी। नासा का ऑर्बिटर मंगलवार को चंद्रमा की सतह पर उस जगह के ऊपर से उड़ान भरेगा, जहां विक्रम ने लैंडिंग की है। नासा का ऑर्बिटर लैंडिंग साइट की तस्वीरें भी भेज सकता है। इससे विक्रम लैंडर से संपर्क करने में सफलता मिल सकती है। विक्रम लैंडर के बारे में इसरो ने भी पता लगा लिया है और उससे संपर्क करने की लगातार कोशिशें की जा रही हैं। हालांकि अब तक इसरो ने विक्रम लैंडर की कोई तस्वीर जारी नहीं की है।
बता दें कि विक्रम लैंडर ने चंद्रमा की सतह पर हार्ड लैंडिंग की थी, जिसके चलते उसका कुछ हिस्सा प्रभावित हुआ है। नासा के ऑर्बिटर में लगे हाई रिजॉलूशन कैमरे ने पिछले दिनों अपोलो 11 की लैंडिंग साइट की तस्वीरें भेजी थीं। ये तस्वीरें काफी स्पष्ट थीं और 40 साल पहले चांद पर मनुष्य की लैंडिंग के फुटप्रिंट्स तक को दर्शा रही थीं। हाल ही में इसी साल क्रैश हुए इजरायली स्पेसक्राफ्ट की तस्वीरें भी नासा के ऑर्बिटर ने जारी की थीं।
नासा का ऑर्बिटर 17 सितंबर यानी मंगलवार को विक्रम की लैंडिंग साइट के ऊपर से गुजरेगा। पेत्रो ने कहा कि नासा की नीति की मुताबिक उसके ऑर्बिटर का डेटा सार्वजनिक तौर पर उपलब्ध होता है। पेत्रो ने कहा कि हमारा ऑर्बिटन विक्रम लैंडर की साइट से ऊपर से गुजरेगा तो उसकी तस्वीरें जारी करेगा ताकि इसरो को पूरी स्थिति का विश्लेषण करने में मदद मिल सके। इसरो ने मंगलवार को बताया था कि चंद्रयान 2 के ऑर्बिटर ने विक्रम लैंडर का पता लगा लिया है। हालांकि अब तक विक्रम लैंडर से संपर्क करने की कोई भी कोशिश सफल नहीं हो पाई है।