गाजियाबाद. यूपी के गाजियाबाद (Ghaziabad) में चालान काटने के दौरान हुई युवक की मौत के मामले में पुलिस के दावों की पोल खुल गई है. पोस्ट मॉर्टम रिपोर्ट में ये खुलासा हुआ है कि गौरव शर्मा शारीरिक तौर पर बिल्कुल स्वस्थ था. जबकि पुलिस ने दावा किया था कि वो डायबिटीज से पीड़ित था.
इस संबंध में गौरव के पिता का कहना है कि मेरा बेटा डायबिटिक नहीं था. अब इस बात को कैलाश हॉस्पिटल की रिपोर्ट भी सही साबित कर रही है. हम चाहते हैं कि इस मामले में दोषी पुलिसकर्मियों को सजा मिले.’
ये है मामला
नोएडा के रहने वाले सॉफ्टवेयर इंजीनियर गौरव शर्मा 8 सितंबर को अपने पिता के साथ कार से गाजियाबाद जा रहे थे. इस दौरान इंदिरापुरम इलाके में पुलिसकर्मियों ने गाड़ी के बोनट पर कथित तौर डंडा मारा. गौरव के पिता मूलचंद का आरोप है कि यातायात पुलिसकर्मियों ने चालान और गाड़ी सीज करने की धमकी देते हुए फोटो खींचना शुरू कर दिया. उसी वक्त गौरव को चक्कर आया और वह बेहोश होकर गिर गए और उनकी मौत हो गयी.
पूर्व सीएम ने बताया-ट्रैफिक टेररिज्म
समाजवादी पार्टी अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने गाजियाबाद में वाहन जांच के दौरान एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर की दिल का दौरा पड़ने से हुई मौत को ‘ट्रैफिक टेररिज्म’ करार दिया है. उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश की सरकार को इस मामले में गुजरात के नक्शेकदम पर चलना चाहिये. भाजपा शासित गुजरात ने (यातायात सम्बन्धी) इन प्रताड़नाकारी नियमों को नकार दिया है, उत्तर प्रदेश भी उत्पीड़न बंद करे.