नई दिल्ली। दस बैंकों के विलय के बाद ग्राहकों के खाता नंबर और इंटरनेट कस्टमर आईडी में बदलाव हो जाएगा। इस संबंध में बैंक जल्द अपने ग्राहकों को नोटिस भेजने का सिलसिला शुरू करेंगे। सबसे पहले ग्राहकों को केवाईसी और मोबाइल नंबर अपडेट करना होगा। बैंकों के विलय के बाद ग्राहकों को एक नया खाता नंबर और कस्टमर आईडी मिलेगा। मूल बैंक के खाताधारकों पर कोई असर नहीं पड़ेगा लेकिन विलय वाले बैंकों के खाताधारकों को सावधानी बरतनी पड़ेगी। विलय की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। ऐसे में बैंक ईमेल एड्रेस और मोबाइल नंबर अपडेट करने का संदेश सभी को भेजने की तैयारी कर रहे हैं।
नेशनल कन्फेडरेशन आफ बैंक इम्पलाइड फेडरेशन के उपाध्यक्ष राजेन्द्र अवस्थी ने बताया कि ग्राहकों की चेकबुक भी बदलेगी। मौजूदा चेकबुक हालांकि कुछ समय के लिए मान्य रहेगी, लेकिन अंतत? उन्हें उस बैंक के चेकबुक से बदलना पड़ता है, जिस बैंक में विलय हुआ है। मूल बैक के ग्राहकों पर इसका कोई असर नहीं पड़ेगा। उन्होंने बताया कि जिन ग्राहकों को नए एकाउंट नंबर या आईएफएससी कोड अलॉट किए जाएंगे, उन्हें इन सभी डिटेल्स को इनकम टैक्स डिपार्टमेंट, इंश्योरेंस कंपनियां, म्यूचुअल फंड और नेशनल पेंशन सिस्टम पर अपडेट कराना होगा। ग्राहकों को अपनी ईसीएस में बदलाव करना होगा। ऑटो डेबिट या सिस्टेमेटिक इनवेस्टमेंट प्लान के लिए नया एसआईपी रजिस्ट्रेशन और इंस्ट्रक्शन फॉर्म भरना पड़ सकता है। ऐसा ही लोन की ईएमआई के लिए भी करना होगा।
विलय के बाद बनने वाला नया बैंक अपनी कुछ ब्रांच को बंद कर सकता है क्योंकि उस बिल्डिंग या फिर विलय वाली बैंक की शाखा होगी। इसीलिए नई शाखा के लिए लागू नए आईएफएसी और एमआईसीआर कोड का ध्यान रखें क्योंकि आपको फंड ट्रांसफर और अन्य वित्तीय लेनदेन के लिए इसकी जरूरत होगी।
देश के 10 बैंकों को मिलाकर अब चार बैंक कर दिए गए हैं
PNB के साथ यूनाइटेड बैंक और OBC का विलय हुआ है.
यूनियन बैंक के साथ आंध्रा बैंक और कॉरपोरेशन बैंक जुड़े हैं.
केनरा बैंक के साथ सिंडिकेट बैंक का विलय हुआ है.
इंडियन बैंक के साथ इलाहाबाद बैंक मर्ज हुआ है.