नई दिल्ली। सड़क पर ट्रैफिक नियम को तोड़ते हुए मनमानी करने का जुर्माना अब भले ही 10 गुना हो गया हो लेकिन फिर भी कुछ लोग ऐसे हैं जो बिल्कुल भी मानने को तैयार नहीं है. दिल्ली की महिलाएं बिना हेलमेट के गाड़ी पर बेपरवाह होकर बैठ जातीं हैं और हेलमेट लगाना जरूरी नहीं समझतीं. जहां पहले हेलमेट न लगाने का चालान 100 रुपये था, जो अब बढ़कर हजार रुपये हो गया है. बावजूद इसके दिल्ली की महिलाएं अपने इरादे बदलने को तैयार नहीं हैं.
एम्स की एक स्टडी में भी इस बात का खुलासा हुआ है कि बिना हेलमेट लगाए होने वाले मौतों में दिल्ली में महिलाओं का आंकड़ा सबसे ज्यादा है. एम्स के पूर्व डायरेक्टर एम सी मिश्रा मानते हैं कि बाइक पर सवार दो लोगों का अगर एक्सीडेंट होता है, उसमें बिना हेलमेट लगाए शख्स या महिला को चोट ज्यादा आती है. ऐसे में महिलाओं की जान जाने का खतरा भी सबसे ज्यादा होता है.
एम्स ट्रॉमा सेंटर की स्टडी में पाया गया कि मोटर बाइक पर चालक के पीछे बैठने वाले सिर्फ 10% लोग ही हेलमेट लगाते हैं, जिनमें 6 से 7% अकेले महिलाएं हैं. स्टडी कहती है कि हादसे में 10.46% महिलाओं की मौत हो जाती है और 4.5% पुरुष जान गंवाते हैं. स्टडी में 258 महिलाओं को शामिल किया गया, जिसमें से 244 महिलाएं बाइक पर पीछे बैठी थीं. सिर्फ 11 ने हेलमेट पहना हुआ था, 14 महिलाएं बाइक चला रहीं थीं तो इसमें 9 ने हेलमेट पहन रखा था.
मतलब साफ है कि हादसे में बिना हेलमेट लगाए मौत होने के आंकड़े में महिलाएं सबसे ज्यादा हैं. ऐसे में अगर आप बाइक चलाते हैं और पीछे बैठा हुआ शख्स हेलमेट नहीं लगाता है तो उसके जान जाने का खतरा सबसे ज्यादा होता है. स्टडी में 2718 पुरुष शामिल हुए, 2460 बाइक चला रहे थे, जिसमें से 1152 ने हेलमेट लगाया हुआ था. पीछे बैठे 403 में से सिर्फ डेढ़ सौ ने हेलमेट लगाया था.