नई दिल्ली। असम (Assam) में राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (National Register of Citizens) की सूची जारी होने से पहले लोगों में तनाव बढ़ गया है. एनआरसी की फाइनल लिस्ट (NRC Final List) आज सुबह 10 बजे ऑनलाइन जारी की जाएगी. इस लिस्ट में असम के 41 लाख से ज्यादा लोगों के भाग्य का फैसला होगा कि वे देश के नागरिक हैं या नहीं. फिलहाल इन लोगों का भविष्य अधर में लटका हुआ है. असम के मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल (CM Sarbananda Sonowal) ने लोगों से शांति और भाईचारा बनाए रखने की अपील की है.
गृह मंत्रालय (Home Ministry) के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि NRC की लिस्ट शनिवार को सुबह 10 बजे तक ऑनलाइन उपलब्ध हो जाएगी. जिनके पास इंटरनेट (Internet) नहीं है, वे लोग राज्य सरकार (Assam Govt) द्वारा स्थापित किए गए सेवा केंद्रों में जाकर अपना स्टेटस चेक कर सकते हैं. वहीं, किसी भी अप्रिय घटना से निपटने के लिए राज्य में सुरक्षा व्यवस्था चाक चौबंद कर दी गई है. बड़ी संख्या में सुरक्षाबलों को तैनात किया गया है. सरकार के अनुरोध पर 51 कंपनियों को तैनात किया गया है.
31 जुलाई को प्रकाशित होनी थी सूची
एनआरसी की ये फाइनल लिस्ट (NRC Final List) 31 जुलाई को प्रकाशित होनी थी, लेकिन राज्य में बाढ़ के कारण एनआरसी अथॉरिटी ने इसे 31 अगस्त तक के लिए बढ़ा दिया था. इससे पहले 2018 में 30 जुलाई को एनआरसी का फाइनल ड्राफ्ट आया था. लिस्ट में शामिल नहीं लोगों को दोबारा वेरीफेकशन के लिए एक साल का समय दिया था.
48 साल पहले से रह रहे लोग ही सूची में शामिल
असम में 1951 के बाद पहली बार नागरिकता की पहचान की जा रही है. इसकी वजह, यहां बड़ी संख्या में अवैध तरीके से रह रहे लोग हैं. एनआरसी का फाइनल अपडेशन सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में हो रहा है. दरअसल, 2018 में आई NRC लिस्ट में 3.29 करोड़ लोगों में से 40.37 लाख लोगों का नाम नहीं शामिल था. अब फाइनल एनआरसी में उन लोगों के नाम शामिल किए जाएंगे, जो 24 मार्च 1971 से पहले असम के नागरिक हैं या उनके पूर्वज राज्य में रहते आए हैं. इसका वेरिफिकेशन सरकारी कागजात के जरिए किया गया है.
लिस्ट में नाम नहीं होने पर अपील की सीमा 120 दिन बढ़ी
NRC अथॉरिटी के शीर्ष अधिकारियों ने नाम नहीं छापने की शर्त पर बताया कि फाइनल लिस्ट में नाम नहीं होने के बावजूद लोगों को खुद को भारतीय नागरिक साबित करने के और मौके दिए जाएंगे. ऐसे विदेशी नागरिक पहले ट्रिब्यूनल में जाएंगे, उसके बाद हाईकोर्ट और फिर सुप्रीम कोर्ट में अपील कर सकेंगे. लोगों को राज्य सरकार भी कानूनी मदद देगी. लोगों को इस संबंध में अपील करने के लिए 120 दिन का समय मिलेगा. पहले ये समय सीमा सिर्फ 60 दिन थी.
6 डिटेंशन सेंटर में 1 हजार अवैध नागरिक
असम में फिलहाल 6 डिटेंशन सेंटर चल रहे हैं. इनमें करीब 1 हजार अवैध नागरिक रह रहे हैं. इनमें ज्यादातर बांग्लादेश और म्यांमार के हैं, जो देश की सीमा में बिना किसी कागजात के घुस आए या वीजा अवधि खत्म होने के बाद भी राज्य में बने रहे. हालांकि सरकार ने साफ कर दिया है कि नागरिकता खोने के बावजूद भी लोगों को डिटेंशन सेंटर नहीं भेजा जाएगा.