गाजियाबाद : नंदग्राम इलाके में स्थित कृष्ण कुंज 3 कालोनी में बृहस्पतिवार को जल निगम व कार्यदायी एजेंसी ईएमएस इंफ्राकॉन की लापरवाही से पांच मजदूरों की जान चली गई। इलाके में सीवर लाइन डालने का काम चल रहा है। मजदूर कृष्ण कुंज में एक घर के सामने बने सीवर चैंबर को मेन लाइन से जोड़ने का काम करने गए थे। एक मजदूर ने जैसे ही सीवर लाइन का ढक्कन खोला, वह चैंबर में गिर गया और बेहोश हो गया। फिर उसे बचाने के लिए आए बाकी के मजदूर चैंबर में अंदर उतरे और बेहोश हो गए। यह देख सामने दुकानदार राजवीर ने शोर मचाया। शोर सुनकर वहां भीड़ जमा हो गई। साथी मजदूर जितेंद्र व साजिद ने मास्क लगाकर मैनहोल में उतरकर पांचों को बाहर निकाला। उन्हें अस्पताल भेजा गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। इस मामले में मुखंयमंत्री ने जल निगम के 5 अधिकारियों को निलंबित कर दिया है और मृतकों के परिजनों को 10-10 लाख रुपए देने की घोषणा की है।
सिहानीगेट थानाक्षेत्र के कृष्णकुंज इलाके में जल निगम सीवर लाइन डालने का काम कर रहा है। पिछले दिनों हुई बारिश के चलते सीवर लाइन डालने का काम बंद कर दिया गया था। बृहस्पतिवार को दोबारा से मजदूर काम करने के लिए पहुंचे। राजवीर के घर के सामने बने चैंबर को मेन सीवर लाइन से अटैच करने के लिए मजदूर पहुंचे थे। एक मजदूर ने जैसे ही चैंबर का ढक्कन खोला, वह उसमें गिर गया और बेहोश हो गया। उसके गिरने पर पास में खड़े उसके बाकी के साथी आए और उसे बचाने के लिए एक-एक कर चैंबर में उतरने लगे। धीरे-धीरे सारे अंदर गए और बेहोश हो गए। सामने दुकान पर बैठे राजवीर ने यह नजारा देखा तो उन्होंने आसपास के लोगों को मौके पर बुलाया। साथी मजदूर जितेंद्र व साजिद ने मास्क लगाकर मैनहोल में उतरकर पांचों को बाहर निकाला। इस बीच लोगों ने पुलिस को फोन कर दिया। पुलिस उन्हें मरियम नगर स्थित सेंट जोसफ अस्पताल ले गई, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।
एसपी सिटी श्लोक कुमार ने बताया कि सभी मजदूर बिहार के समस्तीपुर के रहने वाले थे। वे सभी यहां पास में ही एक झुग्गी में रहते थे। पांचों के नाम शिव कुमार (32), पैंसला गांव निवासी संदीप (30), पैसला गांव निवासी दामोदर (40) व होरिल (35) तथा रमपुरा निवासी विजय कुमार (40) है। विजय ठेकेदार था। ये सभी यहां पर एक साथ रहते थे। इनका पूरा परिवार बिहार में ही रहता है। पुलिस इनके परिजनों से संपर्क करने का प्रयास कर रही है। उनके शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है। उन्होंने बताया कि मामले में दोषी एजेंसियों या अन्य किसी भी व्यक्ति के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। न तो थे मास्क और न ही कोई सेफ्टी उपकरण
प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक घटना में जान गंवाने वाले मजदूरों के पास कोई भी सेफ्टी उपकरण नहीं था। उनके पास कोई मास्क भी नहीं था। जिस चैंबर में उतरे थे, वह करीब 13 फीट गहरा था। वह ऊपर आकर संकरा हो जाता है, जहां पर करीब उसकी चौड़ाई करीब दो फीट की थी। मास्क के अलावा इनके पास सेफ्टी बेल्ट होनी चाहिए थी, जब कोई व्यक्ति गड्ढे में उतरता है तो सेफ्टी बेल्ट को ऊपर एक आदमी पकड़े रहता है, ताकि अगर वह बेहोश हो तो उसे तुरंत ऊपर निकाला जा सके। प्राथमिक उपचार का सामान पास होना चाहिए, मगर वहां पर ऐसा कुछ भी नहीं था।