नई दिल्ली। पूर्व सांसदों ने तय समय के भीतर सरकारी आवास खाली नहीं किए तो बिजली, जल और गैस के कनेक्शन काट दिए जाएंगे। लोकसभा की एक समिति ने यह आदेश जारी किया है। समिति ने पूर्व सांसदों को घर खाली करने के लिए 7 दिन का समय दिया है। बता दें कि लोकसभा के ऐसे 200 से ज्यादा पूर्व सांसद हैं, जिन्होंने अब तक सरकारी बंगले खाली नहीं किए हैं।
सोमवार को बैठक में फैसले लेते समय समिति के अध्यक्ष सीआर पाटिल ने कहा कि तीन दिनों में पूर्व सांसदों के सरकारी आवासों के बिजली, पानी और गैस कनेक्शन काट दिए जाएंगे। पाटिल ने पीटीआई से कहा, ‘आवास समिति की आज हुई बैठक में फैसला लिया गया है कि तीन दिनों के अंदर ऐसे बंगलों के बिजली, जल और गैस कनेक्शनों को काट दिया जाएगा और पूर्व सांसदों से एक हफ्ते के अंदर आवासों को खाली करने को कहा गया है।’
उन्होंने कहा कि किसी भी पूर्व सांसद ने यह नहीं कहा है कि वह अपना बंगला खाली नहीं करेंगे। नियमों के अनुसार, पूर्व सांसदों को पिछली लोकसभा भंग होने के एक महीने के भीतर अपने-अपने बंगलों को खाली करना होता है। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने केन्द्रीय मंत्रिमंडल की सिफारिश पर 16वीं लोकसभा को 25 मई को तत्काल प्रभाव से भंग कर दिया था।
एक सूत्र ने बताया, ‘लोकसभा के 200 से अधिक पूर्व सांसदों ने अब तक अपने सरकारी बंगलों को खाली नहीं किया है। इन पूर्व सांसदों को 2014 में ये बंगले आवंटित किए गए थे।’ इस वजह से नव निर्वाचित सांसद अस्थायी आवासों में रह रहे हैं।
संसद भवन को मिलेगा नया रूप
नार्थ ऐवन्यू डूप्लेक्स फ्लैट्स का उद्घाटन करते हुए सोमवार को पीएम मोदी ने कहा कि लंबे समय से संसद के लिए नए भवन या वर्तमान भवन को नया स्वरूप देने की मांग उपराष्ट्रपति, लोकसभा स्पीकर और सभी सांसदों की तरफ से की जा चुकी है। पीएम ने कहा कि लोकसभा अध्यक्ष और राज्यसभा के सभापति ने कहा है कि जब देश 2022 में आजादी की 75वीं वर्षगांठ मनाएगा, तब संसद भवन का स्वरूप भी बदलना चाहिए।