गाजियाबाद। बिल्डरों से आईएफएमएस (इंटरेस्ट फ्री मेंटेनेंस सिक्योरिटी) की रकम लेने के लिए अब राजनगर एक्सटेंशन स्थित सोसायटियों के एओए ने मोर्चा खोल दिया है। गुलमोहर गार्डन सोसायटी की एओए ने बिल्डर से जमा हुई करीब चार करोड़ की रकम एओए को ट्रांसफर करने की मांग की है। उन्होंने जीडीए अधिकारियों के समक्ष भी यह मुद्दा उठाया। गुलमोहर गार्डन की अपार्टमेंट ऑनर्स एसोसिएशन ने मेंटेनेंस का जिम्मा खुद उठाने की बात कही है।
दरअसल, अपार्टमेंट एक्ट के मुताबिक किसी भी सोसायटी में फ्लैट ऑनर्स एसोसिएशन के गठन के दो साल के भीतर बिल्डर को सोसायटी का मेंटेनेंस एओए को हैंडओवर करना होता है। इसके साथ-साथ फ्लैट मालिकों से जमा कराई गई इंटरेस्ट फ्री मेंटेनेंस सिक्योरिटी की रकम भी एओए को ट्रांसफर कर दी जाती है। राजनगर एक्सटेंशन की दो बड़ी सोसायटियों ने यह रकम एओए को ट्रांसफर कर भी दी है, लेकिन अधिकांश बिल्डर अभी इस रकम को एओए के सुपुर्द नहीं कर रहे हैं। गुलमोहर गार्डन सोसायटी में पानी, सिक्योरिटी और क्लब की मेंटेनेंस का संकट झेल रहे आवंटियों ने अब बिल्डर से आईएफएमएस की रकम मांगी है। उन्होंने जीडीए अधिकारियों के सामने यह मुद्दा उठाया। गुलमोहर सोसायटी की एओए ने कहा कि अब उन्हें बिल्डर के मेंटेनेंस पर भरोसा नहीं है। एक्ट के मुताबिक अब इस फंड को एओए को ट्रांसफर किया जाए।
फंड मिले तो सुधर जाए मेंटेनेंस का स्तर
सोसायटियों के रेजिडेंट्स का कहना है कि बिल्डरों की ओर से मेंटेनेंस चार्ज अलग से लिए जाने के बावजूद मूलभूत सुविधाएं भी नहीं दी जा रही हैं। उनका कहना है कि अपार्टमेंट ऑनर्स एसोसिएशन को आईएफएमएस का फंड मिले तो सोसायटियों में सुविधाओं का स्तर बढ़ सकता है। एओए बेहतर तरीके से लोगों की समस्याओं को समझकर उनका निराकरण करा सकेगी।
मार्च 2014 में गुलमोहर गार्डन के फेज-1 को कंप्लीशन सर्टिफिकेट मिल गया था। 2016 से सोसायटी में एओए का गठन हो चुका है, लेकिन समस्याओं का अंबार लगा हुआ है। बिल्डर से आईएफएमएस की रकम लेकर खुद मेंटेनेंस करेंगे। इसके लिए जीडीए अधिकारियों से भी शिकायत की गई है। – श्यामल चंदा, एओए अध्यक्ष, गुलमोहर गार्डन