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आईआईटी दिल्ली ने मजबूत मोबाइल स्क्रीन का किया शोध, 2000 साल नहीं टूटेगा स्क्रीन

नई दिल्ली। IIT Delhi ने एक ऐसा अनोखा शोध किया है जो मोबाइल की दुनिया में बहुत बड़ी क्रांति लाने को तैयार है. जानें, शोधकर्ताओं ने ऐसा क्या बनाया है जिससे आपके मोबाइल फोन के स्क्रीन 2000 साल तक सुरक्ष‍ित रहेंगे, आप उन्हें भले ही जमीन पर पटक दें.

सोचिए, हममें से कितने लोगों ने ऐसे मोबाइल फोन की स्क्रीन या कांच के बर्तनों या खिड़की के शीशों के बारे में सोचा है जो लगने के बाद कभी टूटे ही नहीं. कुछेक साल नहीं बल्क‍ि 2000 साल के इस्तेमाल के बाद भी वे जस के तस रहें. जी हां, मनचाहे गुणों के साथ शीशा विकसित करने की चुनौती को स्वीकार करके इन शोधकर्ताओं ने अनोखा शोध किया है.

IIT दिल्ली के शोधकर्ताओं ने पाइथन फॉर ग्लास जीनोमिक्स (PyGGi) नाम का अपनी तरह का पहला मशीन लर्निंग सॉफ्टवेयर विकसित किया है जो शीशे के निर्माण में अभूतपूर्व कार्य करेगा. PyGGi सिर्फ एक बटन दबाते ही शोधकर्ताओं और कंपनियों को स्क्रेच रजिस्टेंस और क्रैक रजिस्टेंस जैसे बेहतर गुणों के अलावा शीशे के बेसिक कंपोनेंट्स के अनुपात बताने में मददगार होगा. इसका फायदा ये होगा कि ये कांच पूरी तरह स्क्रेच प्रूफ होगा.

प्रोजेक्ट इन्वेस्टिगेटर्स (PI) में से एक प्रोफेसर NM अनूप कृष्णन (सिविल इंजीनियरिंग विभाग, आईआईटी दिल्ली) ने कहा कि यदि शीशे के बेसिक कंपोनेंट के बारे में पूरे संरचना गुण और संबंध समझ आ जाएं तो उसे बुलेट प्रूफ और स्क्रेच प्रूफ बनाया जा सकता है. येही नये तरह के ग्लास को विकसित करने की कुंजी है. मशीन-लर्निंग और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस जैसे डेटा-चालित तकनीक द्वारा हम मौजूदा ज्ञान का उपयोग करके इच्छित गुणों के साथ शीशे के मूलभूत घटकों के अनुपात का अनुमान लगा सकते हैं.  PyGGi पाइथॉन भाषा में लिखा गया एक ऐसा सॉफ्टवेयर पैकेज है जो कांच के पूर्वानुमान और अनुकूलन के लिए विकसित किया गया है.

PyGGi का मुख्य उद्देश्य नए कांच के विकास में आने वाली लागत को कम करना है. ये कांच के उत्पादन को सस्ता और किफायती बनाएगा. परियोजना के दूसरे पीआई प्रो हरिप्रसाद कोडामना  (केमिकल इंजीनियरिंग विभाग, आईआईटी दिल्ली) ने कहा कि ग्लास साइंस के क्षेत्र में औद्योगिक और शैक्षणिक चुनौतियों का सामना करने के लिए PyGGi को लगातार अपडेट और अपग्रेड किया जाएगा. हम उपयोगकर्ता की आवश्यकताओं के आधार पर और भी नए मॉड्यूल इसमें सम्मिलित कर सकते हैं. ये मॉड्यूल विशेष रूप से उन उपयोगकर्ताओं को दिए जा सकते हैं जो PyGGi में अनुसंधान का समर्थन करते हैं. टीम ऐसी कई नई क्षमताओं पर काम करेगी जो ग्राहकों की आवश्यकताओं और औद्योगिक आवश्यकताओं के लिए प्रासंगिक हैं.

शोधकर्ता इस स्केलेबल दृष्टिकोण को अन्य पदार्थों के साथ भी विकसित करने का प्रयास कर रहे हैं जिससे स्वास्थ्य-सेवा, ऊर्जा और वाहन अनुप्रयोगों के लिए नवीन सामग्री की खोज में तेजी लाई जा सके.

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