गाजियाबाद। जीडीए और तुलसी निकेतन वासियों के बीच शुक्रवार को हुई बैठक बेनतीजा रही। तुलसी निकेतन कॉलोनी के ऐसे लोग जिनके पास फ्लैट की रजिस्ट्री नहीं केवल पावर ऑफ अटॉर्नी है। उन्हें जीडीए दूसरा फ्लैट देगा या नहीं इस पर अधिकारियों ने कोई स्पष्ट जवाब नहीं दिया है। बैठक में शामिल हुए जीडीए सचिव ने इस पर अधिकारियों के साथ विचार करने की बात कही है।
तुलसी निकेतन कॉलोनी को जीडीए ने 1988-89 में बनाया था। कॉलोनी के 2,293 फ्लैट जर्जर हो चुके हैं। इनमें फ्लैटों में करीब दस हजार लोग रहते हैं। 80 फीसद फ्लैट मालिकों के पास रजिस्ट्री नहीं है, केवल पावर ऑफ अटॉर्नी है। जीडीए इन फ्लैटों को खाली कराना चाहता है। इन फ्लैटों में रहने वाले लोग इसके बदले में फ्लैट देने की मांग कर रहे हैं। जीडीए उन्हीं लोगों को फ्लैट देना चाहता है, जिनके पास फ्लैट की रजिस्ट्री है। पावर ऑफ अटॉर्नी धारकों का कहना है कि जब तक फ्लैट नहीं मिलेगा तब तक वह फ्लैट खाली नहीं करेंगे।
तुलसी निकेतन में शुक्रवार को जीडीए अधिकारियों और लोगों के बीच बैठक हुई। तनाव को देखते हुए पुलिस बल भी तैनात रहा। बैठक में आरडब्ल्यूए अध्यक्ष कुलदीप कसाना ने लोगों की तरफ से सात मांगों को लेकर जीडीए सचिव संतोष कुमार राय को पत्र सौंप दिया है। पत्र में कहा गया है कि कालोनी को 90 साल की लीज पर दिया गया था। आवंटन के बाद से पीने के पानी, सीवर लाइन, सामुदायिक भवन, जल निकासी की सुविधा भी नहीं थी। जलभराव से इमारतें जर्जर हो गई हैं। दोबारा कभी मेंटीनेंस नहीं कराया गया है। भवन की गुणवत्ता बिना जांच के आवंटन कर दिया गया है। इसकी जांच और भ्रष्टाचार का मुकदमा दर्ज करने की मांग की गई है। हालांकि, बैठक का कोई निष्कर्ष नहीं निकला है।
इन मांगों को मानों तभी खाली करेंगे फ्लैट
1. जिन लोगों के पास रजिस्ट्री नहीं है केवल पावर ऑफ अटॉर्नी है, जीडीए उनको भी आवास दे।
2. इमारत आठ मंजिल से ज्यादा न हो, पार्किंग की व्यवस्था हो, हर ब्लाक का गेट मेन रोड पर गेट हो।
3. कॉमर्शियल मार्केट व हॉल दिल्ली वजीराबाद रोड पर होने चाहिए।
4. बहुमंजिला इमारत में लिफ्ट का खर्च लोग नहीं सहन कर पाएंगे। लिफ्ट का खर्च उठाएं या तीन मंजिल मकान बनाएं।
5. बिजली कनेक्शन, पता, राशन कार्ड देखते हुए जीडीए पुराना ही भवन नंबर दे, जिससे समस्या न हो।
6. तुलसी निकेतन योजना का पुन: निर्माण प्रोजेक्ट को रेरा में रजिस्टर कराए।
7. जनता फ्लैट एक कमरे वालों को दो और दो कमरे वालों को तीन कमरे का फ्लैट दे।
तुलसी निकेतन के लोगों की समस्या को समझ सकते हैं। किसी का अहित नहीं किया जाएगा। पावर ऑफ अटॉर्नी धारकों को फ्लैट देने व अन्य मांगों पर अधिकारियों के साथ विचार किया जाएगा। इसके बाद ही निर्णय लिया जाएगा। – संतोष कुमार राय, जीडीए सचिव
बेरोजगार हुए सफाईकर्मी नहीं उठ रहा कूड़ा
बैठक में कुछ सफाईकर्मी भी पहुंचे। उनका कहना था कि जीडीए ने तुलसी निकेतन में सफाई का ठेका ठेकेदार को दे दिया है। वह पिछले कई साल से वहां सफाई कर रहे हैं। ठेकेदार ने उन्हें नौकरी से निकाल दिया है। आरोप है कि तुलसी निकेतन में सफाई नहीं हो रही है। जगह-जगह कूड़ा व गंदगी फैली है। सफाईकर्मियों ने वापस काम पर रखने की मांग को लेकर जीडीए अधिकारियों को ज्ञापन दिया।