गाजियाबाद : यूपी और तमिलनाडु के पूर्व मुख्यमंत्रियों का नजदीकी बताकर संतोष मेडिकल कॉलेज के ट्रस्टी व उनके बेटे पर 8.60 करोड़ रुपये हड़पने के आरोप में केस दर्ज किया गया है। ट्रस्ट में निवेश कराने के नाम पर एक कंपनी से रुपये लिए और फिर रिटर्न देना बंद कर दिया। रुपये मांगने पर राजनीतिक रसूख का दम दिखाकर धमकी दी गई, जिसके बाद कंपनी के निदेशक ने एसएसपी से गुहार लगाई। जांच के बाद एसएसपी के आदेश पर विजयनगर थाने में धोखाधड़ी, आपराधिक षडयंत्र रचने और धमकी देने समेत आठ धाराओं में केस दर्ज किया गया है।
एसएसपी सुधीर कुमार सिंह ने बताया कि महाराजी एजुकेशनल ट्रस्ट, इसके चेयरमैन डॉ. पी महालिगम, ट्रस्टी एवं पी महालिगम के बेटे संतोष महालिगम, ट्रस्ट के एकॉउंट्स का हिसाब-किताब रखने वाली फर्म एसआरवाइ एंड एसोसिएट्स और इस फर्म के पार्टनर रंजन गुप्ता के खिलाफ केस दर्ज किया गया है। दिल्ली की रुंगटा इरिगेशन लिमिटेड के निदेशक तरुण कुमार मेगोटिया ने एसएसपी से शिकायत की थी। उनके मुताबिक पी महालिगम बेटे संतोष के साथ कंपनी के एमडी एमपी रुंगटा से संपर्क किया और बताया कि वह विख्यात कॉर्डियोलॉजिस्ट है और ट्रस्ट के बैनर तले संतोष ब्रैंड से मेडिसिन के क्षेत्र में बड़ा कारोबार करना चाहता है। बताया कि गाजियाबाद में उनका संतोष मेडिकल कालेज और प्रताप विहार में संतोष डेंटल कॉलेज है। एमपी रुंगटा और तरुण कुमार से मिलकर कहा कि निवेश पर वह 18 फीसद का रिटर्न देंगे और एमबीबीएस में 21 व बीडीएस में 20 सीट पर मैनेजमेंट कोटा के तहत रुंगटा इरिगेशन लिमिटेड अपने एडमिशन करा सकती है। 2016 तक दिया रिटर्न
तरुण कुमार ने बताया कि 2008-09 में कंपनी ने ट्रस्ट को 1.60 करोड़ रुपये दिए। 2014 में 2-2 करोड़ दो बार, 2015 में दो करोड़ और 2016 में एक करोड़ रुपये दिए। कंपनी ने कुल 8.6 करोड़ रुपये दिए। 2016 में ही रिटर्न देना बंद कर दिया। फिर ट्रस्ट ने अपनी एकॉउंटेंसी फर्म बदलकर एसआरवाइ एंड एसोसिएट्स को यह काम दे दिया। ट्रस्ट ने अगली बैलेंस शीट में कंपनी को दिए जाने वाले रिटर्न का प्रोविजन ही हटा दिया। धीरे-धीरे निवेश की रकम भी 8.60 करोड़ से 7.50 करोड़ कर दी। तरुण कुमार का आरोप है कि पैसे के लिए आरोपितों के पास जाते तो वे 100 नंबर पर कॉल कर हंगामा करने का आरोप लगा देते। पर्सनल फिजीशियन था
तरुण कुमार के मुताबिक पैसे लेने जाते तो आरोपित धमकी देते। पी. महालिगम उनसे कहता कि यूपी और तमिलनाडु के पूर्व सीएम का वह पर्सनल फिजीशियन रहा है। यूपी और तमिलनाडु के पूर्व मुख्यमंत्रियों के नाम की धमकी देकर उसने 8.60 करोड़ रुपये की राशि हड़प ली। साथ ही तीन साल से इसका ब्याज भी नहीं दे रहा है। एसएसपी का कहना है कि रिपोर्ट दर्ज कर मामले की छानबीन शुरू कर दी गई है। साक्ष्यों के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।