नई दिल्ली। दिल्ली में कुछ ही महीनों में चुनाव होने हैं। ऐसे में कांग्रेस पार्टी ने दिल्ली के प्रदेश अध्यक्ष के लिए अपनी खोज तेज कर दी है। पूर्व सीएम शीला दीक्षित के निधन के बाद पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष के पद को चुनाव से पहले भरना जरूरी है। ऐसे में जो नाम सियासी गलियारों में सुने जा रहे हैं, उनमें पंजाब के पूर्व मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू और पूर्व सांसद और अभिनेता शत्रुघ्न सिन्हा का नाम सबसे आगे है। सीनियर नेताओं का कहना है कि अब तक इन नामों को लेकर कोई अधिकारिक चर्चा नहीं हुई है।
सूत्रों का कहना है कि दिल्ली के जिन नेताओं का नाम आगे है, उनमें पांच बार सांसद रहे जयप्रकाश अग्रवाल, पूर्व मंत्री अरविंदर सिंह लवली और शीला दीक्षित के बेटे संदीप दीक्षित का नाम सबसे आगे है। अग्रवाल और लवली पहले भी दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमिटी के सदस्य रह चुके हैं और संदीप दीक्षित दो बार पूर्वी दिल्ली से सांसद रहे हैं।
पार्टी के एक सीनियर नेता ने नाम न बताने की शर्त पर बताया कि दिल्ली का नेतृत्व तय करने से पहले पार्टी ऑल इंडिया कांग्रेस कमिटी का अध्यक्ष तय किया जाएगा। शीला दीक्षित को प्रदेश अध्यक्ष का पद उस समय दिया था, जब अजय माकन ने स्वास्थ्य का हवाला देते हुए अपने पद से इस्तीफा दे दिया था।
15 साल तक दिल्ली की मुख्यमंत्री रही शीला दीक्षित को इसी साल प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मेदारी दी गई थी और वह अपने अनुभव से पार्टी को तीसरे से दूसरे स्थान पर लेकर आई थीं। अब उनकी मौत के बाद पार्टी को फिर से एक ऐसे नेता की जरूरत आन पड़ी है जो कांग्रेस को इस मुसीबत से बाहर निकाले और गुटबाजी में बदल चुके प्रदेश के संगठन को बेहतर तरीके से संचालन कर पाए।
इसी तरह पूर्वांचल नेता के तौर पर महाबल मिश्रा के नाम पर भी चर्चा हो रही है। दिल्ली में बीजेपी और आम आदमी पार्टी ने अपनी अपनी पार्टी में पूर्वांचल नेताओं को खासा तवज्जो दी है, इसी को देखते हुए इनके नाम पर कांग्रेस विचार कर सकती है। पुराने व अनुभवी नेताओं में पूर्व प्रदेश अध्यक्ष सुभाष चौपड़ा, पूर्व विधानसभा अध्यक्ष योगानंद शास्त्री के नाम पर चर्चा हो रही है।