भारत के महान बल्लेबाज सुनील गावस्कर का मानना है कि विश्व कप सेमीफाइनल में भारत की हार के बाद विराट कोहली को दोबारा कप्तानी सौंपे जाने से पहले आधिकारिक बैठक होनी चाहिए थी। पूर्व ओपनर ने विराट कोहली को स्वाभाविक तौर पर कप्तान बनाए रखे जाने के फैसले पर सवाल खड़े किए हैं।
मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक गावस्कर का कहना है कि अगर चयनकर्ताओं ने वेस्टइंडीज दौरे के लिए कप्तान का चयन बिना किसी बैठक के कर लिया तो यह सवाल उठता है कि क्या कोहली अपनी बदौलत टीम के कप्तान हैं या फिर चयन समिति की खुशी के कारण हैं। एमएसके प्रसाद की अध्यक्षता वाली अखिल भारतीय चयन समिति ने वेस्टइंडीज दौरे के लिए कोहली को तीनों फार्मेट का कप्तान नियुक्त किया है। गावस्कर ने लिखा, हमारी जानकारी के मुताबिक उनकी (कोहली) नियुक्ति विश्व कप तक के लिए ही थी। इसके बाद चयनकर्ताओं को इस मसले पर बैठक बुलानी चाहिए थी। यह अलग बात है कि यह मीटिंग पांच मिनट ही चलती लेकिन ऐसा होना चाहिए था।
गावस्कर ने कहा, चयन समिति में बैठे लोग कठपुतली हैं। पुनर्नियुक्ति के बाद कोहली को बैठक में टीम को लेकर अपने विचार रखने के लिए बुलाया गया। यह संदेश गया कि केदार जाधव, दिनेश कार्तिक को खराब प्रदर्शन के कारण टीम से बाहर किया गया जबकि विश्व कप के दौरान और उससे पहले कप्तान ने इन्हीं खिलाड़ियों पर भरोसा जताया था और नतीजा हुआ था कि टीम फाइनल में भी नहीं पहुंच सकी। गावस्कर ने यह भी कहा कि विश्व कप प्रदर्शन पर भी बात होनी चाहिए थी। साथ ही यह भी पूछा कि विराट मनमाफिक टीम चुनने का हक क्यों पाते हैं।