नई दिल्ली। हाईकोर्ट ने मुखर्जी नगर इलाके में बिना फायर एनओसी के चल रहे कोचिंग सेंटरों को बिजली आपूर्ति करने पर टाटा पावर दिल्ली डिस्ट्रिब्यूशन लिमिटेड (टीपीडीडीएल) को कड़ी फटकार लगाई है। कोर्ट ने कहा कि अगर कोचिंग सेंटर कानून का पालन नहीं करते तो उनकी बिजली फौरन बंद की जाए। दो जनहित याचिकाएं दायर कर मुखर्जी नगर में चल रहे अवैध कोचिंग सेंटर और राजधानी के स्कूलों में अग्नि सुरक्षा उपयोग की अनदेखी का मुद्दा उठाया गया है।
मुख्य न्यायाधीश डीएन पटेल और न्यायमूर्ति सी. हरि शंकर की खंडपीठ ने नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि बिजली प्रदाता कंपनी के कर्मचारियों ने कोचिंग सेंटर में हो रही बिजली की खपत की ओर आंखें मूंद रखी हैं और कोई कदम नहीं उठाया है। कोर्ट ने पूछा कि क्या पिछले पांच सालों में इन कोचिंग सेंटर पर कोई कार्रवाई की गई है। कंपनी कर्मी यह सोचकर कार्रवाई नहीं करते कि उनके बच्चे इन कोचिंग सेंटर में नहीं पढ़ते।
खंडपीठ ने कहा कि इन कोचिंग सेंटर में कई एसी इस्तेमाल होते हैं। बिजली का लोड बढ़ने पर स्पार्किंग और शॉर्ट सर्किट से आग लग सकती है जैसे सूरत के कोचिंग सेंटर में लगी थी। कोर्ट ने कहा कि एमसीडी और फायर की एनओसी बिना चल रहे कोचिंग सेंटर की बिजली आपूर्ति फौरन बंद की जानी चाहिए। यह सेंटर पूरी तरह कमर्शियल गतिविधियां चला रहे हैं।
वहीं राजधानी के स्कूलों में अग्नि शमन सुरक्षा के मुद्दे पर दिल्ली सरकार के स्थाई अधिवक्ता गौतम नारायण ने कोर्ट को बताया कि राजधानी में 5495 स्कूल हैं और इनमें से 3008 दिल्ली सरकार के हैं। इनमें से केवल 200 स्कूलों में अग्नि शमन सुरक्षा उपायों की अनदेखी पाई गई है और इन स्कूलों की मान्यता समाप्त करने संबंधी सभी कदम उठाने पर विचार किया जा रहा है।
दिल्ली सरकार के वकील ने कोचिंग सेंटर के संबंध में कोर्ट को बताया कि दमकल विभाग ने मई और जून में इन पर सर्वे किया था। उसकी रिपोर्ट को पेश करने के लिए दो सप्ताह का समय दिया जाए। कोर्ट ने टीपीडीडीए, दमकल विभाग व निगम को नए सिरे से स्कूलों, कोचिंग व ट्यूशन सेंटर का सर्वे कर हलफनामा पेश करने का निर्देश दिया है।