नई दिल्ली। देश में पेट्रोल और डीजल से चलने वाले चार पहिया और दो पहिया वाहनों के रजिस्ट्रेशन शुल्क में भारी वृद्धि होने वाली है। भारत सरकार वाहनों के पंजीकरण और नवीनीकरण के शुल्क में जल्द ही 25 गुना तक बढ़ोत्तरी करने की योजना बना रही है।
जानकारी के अनुसार, एक बार नए पंजीकरण शुल्क लागू होने के बाद, पेट्रोल या डीजल कार को पंजीकृत करने पर मालिक को 5000 रुपये खर्च करने होंगे जबकि पंजीकरण के नवीनीकरण पर 10,000 रुपये तक का खर्च आएगा। वर्तमान में, इसके लिए महज 600 रुपये खर्च करना होता है। दरअसल, सरकार देश में पेट्रोल और डीजल वाहनों के बजाय इलेक्ट्रिक वाहनों की मांग बढ़ाना चाहती है। यही कारण है कि इन वाहनों के पंजीकरण पर इतना भारी शुल्क लगाया जा रहा है। रजिस्ट्रेशन शुल्क में बढ़ोतरी के संशोधन का मसौदा अभी भी प्रथम चरण में है, जिसे जल्द ही देश भर में लागू किया जा सकता है।
सरकार के इस नए प्रस्ताव के अनुसार, निजी कारों, टैक्सी, दो पहिया और पारंपरिक ईंधन से चलने वाले सभी प्रकार के वाहनों के पंजीकरण शुल्क में बढ़ोतरी की जाएगी। इसके अनुसार, दोपहिया वाहनों के पंजीकरण को बढ़ाकर 1000 रुपये किया जाएगा, जबकि इसके नवीकरण पर 2000 रुपये का खर्च आएगा। वर्तमान में दोपहिया वाहनों के लिए रजिस्ट्रेशन चार्ज महज 50 रुपया है।
वहीं कैब वाहनों के रजिस्ट्रेशन फीस बढ़ाकर 10,000 रुपये कर दिया जाएगा जो कि इस समय 1,000 रुपये है। इसके अलावा नवीनीकरण के लिए 20,000 रुपये देने होंगे। यहां तक कि आयातित वाहनों, वर्तमान में जिनका पंजीकरण शुल्क 5,000 रुपये है वो बढ़कर 40,000 रुपये हो जाएगा। वहीं वाणिज्यिक लाइट मोटर व्हीकल LMV को पंजीकरण के लिए 1000 रुपये के बजाय 10,000 रुपये और नवीकरण के लिए 20,000 रुपये तक देना होगा।
एक अधिकारी ने कहा, ‘हमने अंतिम शुल्क संरचना को तैयार करने से पहले अगले 40 ये 45 दिनों के भीतर स्टेक होल्डर्स से प्रतिक्रिया मांगी है।’ पेट्रोल या डीजल से चलने वाले वाहनों के रजिस्ट्रेशन शुल्क में वृद्धि के अलावा, भारत सरकार 15 साल से अधिक पुराने सभी वाहनों को कबाड़ में भेजने का भी प्रस्ताव ला रही है।