गाजियाबाद। प्रॉपर्टी मार्केट में चल रही गिरावट और महंगी संपत्तियों को खरीदने से लोगों के किनारा करने से जीडीए की परेशानी बढ़ गई है। प्रॉपर्टी बाजार की मंदी के प्रभाव को कम करने के उद्देश्य से जीडीए कई कदम उठाने जा रहा है। भूखंड और अन्य आवासीय संपत्तियों की लागत पर जीडीए 15 फीसदी प्रशासनिक शुल्क और 15 फीसदी सुपरविजन शुल्क लगाता है। जीडीए अब इस शुल्क को कम करने या फिर हटाने की तैयारी में है, जिससे संपत्तियों की कीमतें घट जाएंगी।
कुल संपत्ति की लागत का अगर 20 फीसदी तक भी प्रशासनिक और सुपरविजन शुल्क कम कर दिया जाता है, तो जीडीए की संपत्तियां सस्ती हो सकती हैं। वर्तमान में जीडीए की इंदिरापुरम, वैशाली, कौशांबी, मधुबन बापूधाम योजना में करीब 6500 के करीब आवासीय और व्यावसायिक संपत्तियां हैं। प्राधिकरण के फैसले का असर लगभग सभी प्रकार की संपत्तियों पर पड़ेगा। अब तक लोगों की पहुंच से दूर होती जा रहीं महंगी संपत्तियां लोगों के बजट में आ सकेंगी।
सुपरविजन व प्रशासनिक शुल्क को कम करने के लिए जीडीए का वित्त और संपत्ति अनुभाग मंथन कर रहा है। दोनों अनुभागों के प्रस्तावों पर अंतिम निर्णय जीडीए उपाध्यक्ष को लेना है। उसके बाद स्थिति साफ हो सकेगी। प्रशासनिक व सुपरविजन शुल्क कम करने या फिर हटाने का फैसला होने पर इस प्रस्ताव को जीडीए की बोर्ड बैठक में रखा जाएगा। नोएडा प्राधिकरण की ओर से प्रशासनिक, सुपरविजन सहित अन्य शुल्कों में करीब 20 फीसदी की कमी करने व उसके सकारात्मक परिणाम आने के बाद जीडीए भी विचार कर रहा है।
नीलामी में महंगी संपत्तियां खरीदने से लोगों का किनारा
जीडीए की ओर से विभिन्न योजनाओं में अपनी छोटी व बड़ी संपत्तियों को बेचने के गंभीर प्रयास किए जा रहे हैं, लेकिन सभी प्रयास विफल हैं। बीते दो माह में जीडीए ने दो बार संपत्तियों की नीलामी कराई। पहले 2000 वर्ग मीटर से छोटी संपत्तियों के लिए ई-नीलामी की गई। इसमें करीब तीन से चार ही संपत्तियां बिक सकीं। फिर व्यवस्था में परिवर्तन कर फिर से ऑफलाइन नीलामी की व्यवस्था लागू की गई। पांच से 10 जुलाई तक चली इस नीलामी प्रक्रिया में करीब साढ़े पांच करोड़ की संपत्तियाें की बिक्री हो सकी। ऐसे में लोगों के नीलामी में महंगी संपत्तियों को लेकर दिलचस्पी न दिखाने से जीडीए को इस ओर सोचने को मजबूर कर दिया है।
प्राधिकरण बाजार का करेगा सर्वे
जीडीए की ओर से सुपरविजन व प्रशासनिक शुल्क घटाने से पहले बाजार का सर्वे किया जाएगा। सर्वे में बाजार में संपत्तियों की बिक्री और खरीद की चल रही स्थिति के साथ अन्य पहलुओं की पड़ताल की जाएगी। बाजार में संपत्तियों के चल रहे मूल्य का तुलनात्मक अध्ययन कर आगे की कार्रवाई की जाएगी।
संपत्तियों के प्रशासनिक और सुपरविजन शुल्क को कम करने या फिर हटाने की योजना पर मंथन जारी है। प्रस्ताव पर फैसले से पहले बाजार में सर्वे भी कराया जाएगा। दोनों शुल्क में कटौती के बाबत फैसला लेने के बाद बोर्ड बैठक में रखा जाएगा – कंचन वर्मा, उपाध्यक्ष, जीडीए