नई दिल्ली। भारतीय रेल ने काठगोदाम-जम्मू और काठगोदाम-कानपुर सेंट्रल गरीब रथ ट्रेनों को फिर से बहाल कर दिया है. ये ट्रेनें आने वाले 4 अगस्त से फिर से पटरी पर दौड़ेंगी. इसके लिए रिनोटिफिकेशन की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है. ट्रेनों का किराय भी गरीब रथ का किराया होगा. न्यूज़ 18 इंडिया ने गुरुवार को ही ये खबर दे दी थी. रेल मंत्रालय ने यह भी साफ कर दिया है कि आगे कोई गरीब रथ ट्रेन बंद नहीं की जाएगी और न ही इसे मेल/एक्सप्रेस में बदला जाएगा.
गरीब रथ ट्रेनों को बंद करने की योजना नहीं
रेल राज्य मंत्री सुरेश अंगड़ी ने कहा है कि गरीब रथ ट्रेनों को बंद करने की कोई योजना नहीं है और जो कुछ भी हुआ वो ट्रायल के तौर पर हुआ था. भारतीय रेल ने इसी हफ़्ते काठगोदाम- जम्मू ग़रीब रथ और काठगोदाम- कानपुर सेन्ट्रल ग़रीब ट्रेन को बंद कर इसे एक्सप्रेस ट्रेन बना दिया था. लेकिन गुरुवार को रेलमंत्री पीयूष गोयल और रेल राज्य मंत्री सुरेश अंगड़ी ने रेल अधिकारियों से इस मुद्दे पर बात कर इसे फिर से बहाल करने का निर्देश किया था. दरअसल गरीब रथ ट्रेनों का किराया मेल/एक्सप्रेस ट्रेनों के किराये से 25-30 फीसदी कम होता है और गरीब रथ ट्रेनों को बंद करने से मुसाफिरों को कम पैसे में एसी सुविधा वाली ट्रेन की सुविधा भी बंद हो गई थी.
महंगी हो गई थी यात्रा
मसलन 12207 काठगोदाम- जम्मू गरीब रथ के काठगोदाम से जम्मू के लिए एसी 3 का किराया पहले 755 रुपये था जो इसके एक्सप्रेस ट्रेन बनने के बाद 1070 रुपये हो गया है. वहीं 12210 काठगोदाम- कानपुर सेंट्रल के पूरे रूट के एसी-3 का किराया 475 रुपये था जो अब 675 रुपये हो गया है.
लालू प्रसाद यादव ने शुरू की थी गरीब रथ
गरीब रथ ट्रेनों की शुरुआत साल 2006 में उस वक्त के रेलमंत्री लालू प्रसाद यादव ने की थी. पहली गरीब रथ ट्रेन सहरसा से अमृतसर के बीच चलाई गई थी. इस ट्रेन को कम पैसे में गरीबों को एसी के सफर की सुविधा देने के लिए शुरु किया गया था.
दरअसल ग़रीब रथ ट्रेनों के कोच पुराने डिज़ाइन के ICF कोच होते हैं और भारतीय रेल अब केवल नए डिज़ाइन के LHB कोच ही बनाता है. इसलिए ग़रीब रथ ट्रेनों को चलाने को लेकर एक सवाल जरूर खड़ा हो गया था. लेकिन अब रेल मंत्रालय तीन उपायों पर काम कर रहा है जिसमें गरीब रथ ट्रेनों के कोच फिर से बनवाने, नए कोच पर गरीब रथ ट्रेन चलाने या पुराने हो चुके कोच को हटाकर वहां नया कोच जोड़कर ट्रेन चलाना शामिल है.