गाज़ियाबाद

जीडीए ने बनाई सूची, खाली भूखंड स्वामियों को नोटिस

गाजियाबाद। दस वर्षों से खाली पड़े भूखंडों का आवंटन निरस्त होगा। जीडीए ने ऐसे 700 भूखंडों की सूची बना ली है। भूखंड स्वामियों को नोटिस भेजे जा रहे हैं। इस कार्रवाई से बचने के लिए उनके पास खाली भूखंड का नक्शा पास कराकर निर्माण कार्य शुरू कराने का एकमात्र रास्ता बचा है। एक काम भी भूखंड स्वामियों को एक माह में करना होगा। उसके बाद माना जाएगा कि आवंटियों को भूखंड की जरूरत नहीं है। उन्होंने केवल निवेश के उद्देश्य से खरीदा था। इस आधार पर भूखंड का आवंटन निरस्त कर दिया जाएगा।

ये हैं नियम

जीडीए भूखंड आवंटित करते वक्त शर्त लगता है कि उस पर पांच वर्षों में निर्माण होना चाहिए। किसी कारणवश निर्माण संभव न हो तो भूखंड की कीमत की दो प्रतिशत अनिर्माण लेवी देकर इस अवधि में पांच साल का विस्तार लिया जा सकता है। जिन भूखंडों की सूची बनाई गई है, उनमें ज्यादातर ऐसे ही मामले हैं। लेवी देकर समय विस्तार लेने के बावजूद निर्माण नहीं किया। जिनके भूखंड आवंटन को पांच वर्ष हुए हैं। वह समय विस्तार की मांग कर सकते हैं। इंदिरापुरम में ज्यादा भूखंड

खाली भूखंड सबसे ज्यादा इंदिरापुरम, वैशाली और कौशांबी में हैं। इसके अलावा गोविदपुरम, शास्त्रीनगर, कविनगर, वैशाली, राजनगर, संजयनगर, प्रताप विहार में भूखंड खाली हैं। जीडीए मान रहा है कि यह भूखंड निवेशकों ने लाभ कमाने के लिए खरीदे हैं। इन्हें आवास की जरूरत नहीं है। नियम में स्पष्ट है कि भूखंड पर निर्धारित वक्त में निर्माण न हो तो उसे निरस्त किया जा सकता है।

 

होती है गंदगी, कानून व्यवस्था बिगड़ने का खतरा

ज्यादातर आवासीय योजनाओं में खाली भूखंड कूड़ाघर बन चुके हैं। लोग अपने घरों का कूड़ा ऐसे भूखंडों पर चुपचाप ठिकाने लगा जाते हैं। उससे सटे भूखंड पर बने मकान में रहने वालों को दिक्कत होती है। इस कार्रवाई के पीछे यह बड़ी वजह है। इस तरह की शिकायत रोजाना आ रही हैं। इसके अलावा कुछ लोगों ने कानून व्यवस्था बिगड़ने की ओर जीडीए का ध्यान आकर्षित कराया है। लोगों का कहना है कि खाली भूखंड पर कोई भी आकर झोपड़ी बनाकर रहने लगता है। फिर वह खुले में शौच करते हैं। इससे रिहायशी इलाकों में आपराधिक घटनाएं भी बढ़ रही हैं। कौन इन झुग्गी-झोपड़ियों में शरण ले रहा है, किसी को पता नहीं।

जीडीए सचिव संतोष कुमार राय के मुताबिक खाली भूखंड पर आवंटियों को निर्माण करना ही होगा। इस संबंध में उन्हें नोटिस भेजे जा रहे हैं। ऐसा न होने पर आवंटन निरस्त कर दिया जाएगा।

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