साहिबाबाद। वसुंधरा सेक्टर-दो बी में खाली प्लॉट में कूड़ा डाले जाने से परेशान लोग अब मकान छोड़कर जाने को मजबूर हैं। गंदगी और बदबू से परेशान लोगों ने रविवार को अपने मकानों के आगे यह मकान बिकाऊ है का पोस्टर चस्पा कर दिया। इस दौरान लोगों ने कूड़े के बीच पहुंचकर जोरदार प्रदर्शन किया। परेशान लोगों का आरोप है कि बीते छह सालों से वह नगर निगम और आवास विकास परिषद का चक्कर लगा रहे हैं लेकिन यहां कूड़ा फेंका जाना बंद नहीं हो रहा है।
कूड़े की परेशानी से जूझ रहे लोग पलायन को हैं मजबूर
वसुंधरा – दो बी में रहने वाले अनूप जोशी ने आरोप लगाया कि लंबे समय से नगर निगम यहां पर कूड़ा फेंक रहा है। कूड़ा फेंकने से रोकने के लिए जब भी नगर निगम, पुलिस और आवास विकास परिषद में शिकायत दी जाती है तो कोई सुनवाई नहीं होती है। बारिश के दिनों में यहां के रहने वाले लोगों का बदबू से जीना दूभर हो जाता है। मच्छरजनित व संक्रामक बीमारियों के फैलने का खतरा रहता है।
अधिकारी नहीं करते सुनवाई
परेशान लोगों का कहना है कि अधिकारियों ने जब समस्या का हल नहीं किया, तो वह अपने मकान यहां से बेचकर दूसरी जगह जाने को मजबूर हो रहे हैं। कुछ लोगों ने अपना खुद का मकान होने के बावजूद दूसरी जगह किराए पर मकान लेकर रहना शुरू कर दिया है। स्थानीय निवासी आरसी शर्मा का कहना है कि कूड़े की समस्या सालों से चलती चली आ रही है। नगर निगम, आवास विकास परिषद और जनप्रतिनिधियों की ओर से केवल आश्वासन मिलता है।
एनजीटी के आदेश हवा हवाई
गंदगी और कूड़े को लेकर राष्ट्रीय हरित अधिकरण के आदेश और स्वच्छता अभियान के तमाम दावे फेल होते नजर आते हैं। कूड़े की वजह से वसुंधरा सेक्टर-दो, सेक्टर-एक, सेक्टर-तीन, एलेन हाउस पब्लिक स्कूल, एमिटी इंटरनेशनल स्कूल, गार्डेनिया गुलमोहर सोसायटी और वसुंधरा की आसपास की आबादी के लोग भी नरकीय जीवन जीने को मजबूर हैं।
स्वच्छता में नंबर वन होने के बावजूद है गंदगी
स्थानीय लोगों का आरोप है कि नगर निगम साफ सफाई के लिए करोड़ों रुपए खर्च कर रहा है और लगातार गाजियाबाद स्वच्छता सर्वेक्षण में अग्रसर बना हुआ है, इसके बावजूद वसुंधरा सेक्टर-दो जैसे हालात होना दुर्भाग्यपूर्ण है।
यह आवास विकास परिषद का खाली प्लॉट है। आवास विकास परिषद के अधिकारियों को प्लॉट से अतिक्रमण हटाने के लिए पत्र लिखा गया है। नगर निगम यहां कूड़ा नहीं डालता है। – दिनेश चंद्र, नगर आयुक्त