लाहौर। पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) की नेता मरियम नवाज ने आरोप लगाया है कि उनके पिता नवाज शरीफ के खिलाफ फैसला सुनाने के लिए जज को ब्लैकमेल किया गया था। मरियम ने एक वीडियो जारी किया है जिसमें जवाबदेही न्यायालय के जज अरशद मलिक ने कथित तौर पर स्वीकार किया है कि शरीफ को सजा सुनाने के लिए उन्हें धमकी दी गई थी। जज ने हालांकि इस वीडियो को फर्जी बताते हुए कहा है कि उन पर किसी तरह का दबाव नहीं था।
पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ फिलहाल लाहौर की कोट लखपत जेल में सजा काट रहे हैं। उन्हें पिछले साल अल-अजीजिया स्टील मिल भ्रष्टाचार मामले में सात साल की कैद की सजा सुनाई गई थी। लंदन में आलीशान फ्लैट से जुड़े मामले में भी उन्हें सजा सुनाई जा चुकी है। नवाज और उनका परिवार भ्रष्टाचार के सभी आरोपों को राजनीति से प्रेरित बताता रहा है। मरियम ने शनिवार को लाहौर में एक प्रेस वार्ता में कहा कि उनके पिता के खिलाफ चलाया गया मुकदमा निष्पक्ष नहीं था।
जज ने की थी आत्महत्या करने की कोशिश
उन्होंने जो वीडियो जारी किया है उसमें जज मलिक कथित तौर पर पीएमएल-एन समर्थक नासिर बट्ट को बता रहे हैं कि शरीफ को सजा सुनाने के लिए उन्हें ब्लैकमेल किया गया था और शरीफ के खिलाफ कोई सुबूत नहीं था। अरशद ने ही शरीफ को अल-अजीजिया मामले में सजा सुनाई थी। मरयम ने यह भी दावा किया कि नवाज को जेल भेजने पर जज मलिक पछतावे में हैं और उन्होंने कई बार आत्महत्या करने की भी कोशिश की थी।
मरियम के दावे को जज ने किया खारिज
लेकिन जज मलिक ने मरियम के दावे को खारिज करते हुए कहा, सुबूतों के आधार पर ही शरीफ को सजा सुनाई गई थी। अगर मैं किसी दबाव में होता तो उन्हें एक मामले में बरी नहीं करता। प्रधानमंत्री इमरान खान के विशेष सहयोगी फिरदौस आशिक अवान ने भी वीडियो की प्रमाणिकता पर सवाल उठाए हैं।