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टेरर फंडिंग पर सख्त हुआ पाकिस्तान, हाफिज सईद समेत कई बड़े आतंकियों पर केस दर्ज

लाहौर। आतंकियों के खिलाफ कार्रवाई को लेकर लम्बे समय तक बहाने बनाने वाले पाकिस्तान को आखिर अब उनके खिलाफ सख्त कदम उठाने को मजबूर होना पड़ा रहा है। टेरर फंडिंग को लेकर एफटीएएफ ( FATF on terror funding ) की धमकी के बाद पाकिस्तान की अक्ल ठिकाने आ गई लगती है। एक बड़ा कदम उठाते हुए पाक सरकार ने हाफिज सईद ( Hafiz Saeed) सहित दर्जन भर आतंकियों के खिलाफ एक बड़ा कदम उठाया है। लश्कर-ए-तैयबा के सरगना और भारत में 26/11 हमलों के आरोपी आतंकी सईद और अन्य कई आतंकियों के खिलाफ पाकिस्तान सरकार ने टेरर फंडिंग के आरोप में केस दर्ज किया है।

हाफिज सईद पर केस दर्ज

इस मामले में जानकारी देते हुए पंजाब काउंटर-टेररिज्म डिपार्टमेंट (CTD) ने बुधवार को कहा कि जमात-उद-दावा के हाफिज सईद और अन्य को आतंकी वित्तपोषण के मामलों में दर्ज किया गया है। बुधवार को जारी एक बयान में, CTD के प्रवक्ता ने कहा कि हाफिज सईद और उसके संगठन के अन्य सदस्यों के खिलाफ ये केस दर्ज किए गए हैं। ये मामले लाहौर, गुजरांवाला और मुल्तान में एक एनजीओ के नाम पर पैसा इकठ्ठा करने के आरोप में दर्ज किये गए हैं। आरोप है कि एनजीओ के नाम पर ये संगठन टेरर फंडिग करते थे। ये मामले अल-अनफाल ट्रस्ट, दावत उल इरशाद ट्रस्ट आदि पर दर्ज किए गए हैं।

टेरर फंडिंग के लिए हुई कार्रवाई

प्रवक्ता ने आगे कहा कि इन संगठनों के टेरर फंडिंग के मामले में बड़े पैमाने पर जांच शुरू की गई है, इस जांच के दायरे में जमात-उद-दावा और लश्कर-ए-तैयबा भी शामिल हैं। ऐसा कहा जा रहा है कि FATF की फटकार के बाद पाकिस्तान ने ये एक्शन लिया है। गौरतलब है कि अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष की एग्जीक्यूटिव बोर्ड पाकिस्तान को ऋण देने के मामले में एक मीटिंग करने वाला है। इसके चलते ही पाकिस्तान ने हाफिज सईद और अन्य आतंकी संगठनों पर कार्रवाई करते हुए ये दावा किया है कि पाक आतंकवाद के खिलाफ सख्त कदम उठा रहा है। साथ ही इस बड़े फैसले से पाकिस्तान ने एफएटीएफ के उस दावे को भी नकारने की कोशिश की है जिसमें पाकिस्तान को टेरर फंडिंग का समर्थक बताया जा रहा था।

 

कितना गंभीर है पाकिस्तान ?

इस कार्रवाई के बाद पाकिस्तान ने ये भी दावा किया है कि उसने अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष के अधिकारियों के साथ पूर्व में हुए समझौते के आधार पर जो वादे किये थे उन सभी को पूरा किया है। इस बारे में पंजाब काउंटर-टेररिज्म डिपार्टमेंट के प्रवक्ता ने विवरण देते हुए कहा कि 1 और 2 जुलाई को पंजाब सीटीडी ने जमात-उद-दावा, लश्कर-ए-तैयबा और फलाह-ए-इन्सानियत फाउंडेशन ट्रस्ट / एनपीओ, दावत-उल-इरशाद ट्रस्ट, माज़-बिन-जबल ट्रस्ट, अल-अनफाल ट्रस्ट, अल-हम्ड ट्रस्ट और अल-मदीना फाउंडेशन ट्रस्ट पर टेरर फंडिंग के 23 मामले दर्ज किये हैं।

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आतंकियों पर क्या होगी कार्रवाई ?

प्रवक्ता ने कहा कि हाफिज मुहम्मद सईद के साथ ही अब्दुल रहमान मक्की, मलिक जफर इकबाल, आमिर हमजा, मुहम्मद याहया अजीज, मुहम्मद नईम, मोहसिन बिलाल, अब्दुल रकीब, मुहम्मद अयूब, अब्दुल्ला उबैद, मुहम्मद अली और अब्दुल गफ्फार, डॉ अहमद दाउद सहित के विभिन्न नेताओं सहित जमात-उद-दावा के कई अन्य नेताओं पर भी मुकदमा दर्ज किया गया है। आतंकवाद के लिए धन जुटाने के लिए आरोपी संगठनों और ट्रस्टों के वित्तीय लेन-देन तथा उनके उपयोग को लेकर भी बड़े पैमाने पर जांच शुरू की गई है।

FATF के खौफ में उठाया गया कदम

सीटीडी के प्रवक्ता के बताया की मुकदमा दर्ज होने के बाद अब हाफिज सईद और अन्य पर आतंकवाद निरोधक अधिनियम, 1997 के तहत आतंकवाद-निरोधी अदालतों में मुकदमा चलाया जाएगा। संयुक्त राष्ट्र के प्रतिबंधों का अनुपालन करते हुए पाकिस्तान ने इन परिसंपत्तियों / एनपीओ को पहले ही अपने कब्जे में ले लिया है।

हालांकि मुंबई हमलों के मास्टरमाइंड होने से इनकार करने वाले सईद ने हमेशा दावा किया था कि उस पर लगाए जा रहे टेरर फंडिंग के आरोप गलत हैं। हाफिज सईद दावा करता आया है कि उसके संगठन में गरीबों की मदद के लिए दान दिए जाते हैं जिसका कोई आतंकवादी संबंध नहीं है।

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