गाजियाबाद : कूड़ा निस्तारण की समस्या से घिरे नगर निगम को दूसरे दिन सफाईकर्मियों की हड़ताल से राहत मिल गई। मेयर की अध्यक्षता में हुई वार्ता में ज्यादातर मांगों को शासन को भेजने के साथ ही हड़ताली कर्मियों के खिलाफ कार्रवाई न करने व लंबे समय से गैरहाजिर कर्मियों के खिलाफ त्वरित जांच कर नियमानुसार निस्तारण पर सहमति बनी।
नगर निगम कर्मचारी संयुक्त मोर्चा के आह्वान पर ठेका सफाई कर्मचारी सोमवार को हड़ताल पर बैठ गए थे। इनके साथ ठेके पर कार्यरत सभी कर्मचारी हड़ताल में शामिल हो गए। इस मामले में दूसरे दिन मंगलवार को भी सुबह से काफी संख्या में हड़ताल में शामिल कर्मचारी धरने पर बैठ गए। इस दौरान पुलिस, पीएसी, अग्निशमन की गाड़ियां भी मंगा ली गई। वहीं, इस बीच दोपहर के समय हड़ताल का नेतृत्व कर रहे संयुक्त सफाई कर्मचारी संघ के अध्यक्ष सुभाषचंद को निगम की ओर से वार्ता का न्यौता मिला, जिसमें निगम की ओर से मेयर आशा शर्मा, नगर आयुक्त दिनेश चंद्र, अपर नगर आयुक्त व लेखाधिकारी मौजूद रहे।
वहीं, सफाईकर्मी संगठन की ओर से सुभाषचंद के अलावा प्रदीप चौहान, रोहित टांक, संजय टांक, सतीश पारचा, सतीश गहरा, अशोक गहलोत आदि शामिल हुए। इसमें तय हुआ कि बोर्ड प्रस्तावित सभी कर्मचारियों को शहरी आजीविका केंद्र में सम्मलित न करते हुए संविदाकर्मी के रूप में रखने के लिए शासन को पत्र भेजा जाएगा। कांशीराम मृतक आश्रित कर्मचारियों को शहरी आजीविका केंद्र में सम्मलित नहीं किया जाएगा। अभी तक इन कर्मचारियों को शहरी आजीविका केंद्र में शामिल नहीं किया जाता था। इन कर्मचारियों को तीन माह के वेतन की स्वीकृति लेकर आहरित किया जाता था। उन्हें 11 माह की स्वीकृति के लिए सदन को भेजा जाएगा।
इसके अलावा लंबे समय से जांच के अधीन कार्य कर रहे 11 निलंबित सफाई नायक की त्वरित जांच कराकर नियमानुसार निस्तारण कराया जाएगा। हड़ताल में शामिल सफाई नायक के खिलाफ विभागीय कार्यवाही की गई, जिसे रद्द करते हुए उक्त सभी कर्मचारियों के खिलाफ कार्यवाही नहीं की जाएगी और न ही उनके वेतन में कटौती होगी। इन मांगों को मानने के बाद संयुक्त सफाई कर्मचारी संघ ने हड़ताल समाप्ति की घोषणा के साथ ही काम पर लौटने का ऐलान कर दिया।