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गूगल क्रोम को टक्कर देने आया Brave ब्राउजर, ऐड देखने के मिलेंगे पैसे

नई दिल्ली। 200 करोड़ यूजर वाले ब्राउजर गूगल क्रोम को टक्कर देने के लिए Brave ब्राउजर लॉन्च हो गया है। इंटरनेट ब्राउजिंग की दुनिया में लॉन्च हुए इस ब्राउजर की खास बात है कि यह थर्ड पार्टी ऐड्स और कूकीज को ऑटोमैटिकली ब्लॉक कर देता है। यह ब्राउजर यूजर को ऐड (विज्ञापन) देखने का भी ऑप्शन देता है। साथ ही यूजर अगर इस ब्राउजर पर मौजूद ऐड्स को क्लिक करते हैं तो उन्हें यह पैसे भी देगा।

ब्रेव ब्राउजर ऐडवर्टाइजिंग के नए मॉडल को लेकर तैयार है और उसका दावा है कि वह ऐड देखने वाले यूजर्स को रेवेन्यू का 70 प्रतिशत हिस्सा देगा। बचे हुए 30 प्रतिशत ब्राउजर के डिवेलपर्स के हिस्से में जाएंगे। ब्राउजर के इस नए ऐडवर्टाइजिंग मॉडल में हिस्सा लेने वाले यूजर्स को कंपनी इस साल 60 से 70 डॉलर तक का भुगतान करेगी। वहीं 2020 में यह 224 डॉलर तक होने की संभावना है। हाल में कंपनी ने एक ब्लॉग पोस्ट में कहा, ‘ब्रेव ऐड्स के जरिए हम ऑनलाइन ऐडवर्टाइजिंग सिस्टम को पूरी तरह बदल रहे हैं जो आक्रामक होने के साथ ही बेकार भी हो गया था।’

ब्रेव एक ओपन सोर्स क्रोमियम बेस्ड ब्राउजर है जिसने स्पीड, सिक्यॉर ब्राउजिंग और क्विक नैविगेशन के मामले में गूगल क्रोम को पीछे छोड़ दिया। अपनी सर्विस के कारण ब्रेव मोजिल्ला फायरफॉक्स के बाद सबसे बेस्ट ब्राउजर बन गया है। इस लिस्ट में ऐपल सफारी तीसरे नंबर और गूगल क्रोम चौथे स्थान पर है। लिस्ट को toptenreviews.com रीव्यूइंग पोर्टल ने जारी किया है। ब्रेव को सबसे पहले साल 2018 में आईओएस के लिए लॉन्च किया गया था। हालांकि अब यह ऐंड्रॉयड के साथ ही मैकओएस, विंडोज और Linux पर भी उपलब्ध है। ब्रेव की वेबसाइट की मुताबिक यह ब्राउजर क्रोम की तुलना में डेस्कटॉप पर दोगुना और मोबाइल पर आठ गुना तेज काम करता है।
ब्रेव ब्राउजर की सबसे खास बात है कि इसके सर्वर यूजर्स के ब्राउजिंग डेटा को ना देखते हैं और ना हीं स्टोर करते हैं। साथ ही यह यूजर्स को प्रिवेसी सेटिंग कस्टमाइज करने का ऑप्शन भी देता है जो क्रोम पर उपलब्ध नहीं है।

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