लखनऊ। उत्तर प्रदेश सरकार ने वाराणसी के काशी हिन्दू विश्वविद्यालय (बीएचयू) में हुए घटनाक्रम की आज न्यायिक जांच के आदेश दिये। यह जानकारी प्रदेश के ऊर्जा मंत्री एवं राज्य सरकार के प्रवक्ता श्रीकांत शर्मा ने यहां संवाददाताओं को दी। शर्मा ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में हुई राज्य मंत्रिपरिषद की बैठक के बाद कहा, ‘न्यायिक जांच के आदेश दे दिये गये हैं।’ उन्होंने कहा कि स्थानीय प्रशासन और कुलपति सहित विश्वविद्यालय प्रशासन से कहा गया है कि वे छात्रों से संवाद स्थापित करें ताकि बाहरी एवं असामाजिक तत्वों को कोई मौका ना मिलने पाये।
शर्मा ने बताया कि विश्वविद्यालय परिसर में सुरक्षा व्यवस्था कड़ी की जाएगी और सीसीटीवी लगाये जाएंगे। मंत्री ने कहा कि इस बात की जांच की जाएगी कि किस तरह बाहर से लोग आये, पथराव किया, पेट्रोल बम फेंके। उन्होंने कहा, ‘विपक्ष हताश और निराश है क्योंकि जनता ने उसे खारिज कर दिया है। विपक्षी दल शिक्षा के वातावरण को दूषित करना चाहते हैं।’ शर्मा ने कहा कि विपक्षी दलों को राजनीति करनी है तो ‘हमसे करें, धरना प्रदर्शन के लिए परिसर के वातावरण को दूषित ना करें।’
इस सवाल पर कि छात्र छात्राओं पर पुलिस लाठीचार्ज का आदेश किसने दिया था, मंत्री ने कहा कि दोषियों पर कार्रवाई की जाएगी। हम उन लोगों को चिह्नित कर रहे हैं, जिन्होंने छात्रों के कंधों पर बंदूक रखकर घिनौनी राजनीति की है। साथ ही लाठीचार्ज में शामिल लोगों को भी चिह्नित कर रहे हैं। यह पूछे जाने पर कि न्यायिक जांच किसकी अध्यक्षता में हो रही है, शर्मा ने कहा कि इसका ब्यौरा दे दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि जांच के बाद ‘दूध का दूध और पानी का पानी’ हो जाएगा। उन्होंने कहा, ‘छात्रों के साथ छात्रों की तरह बर्ताव हो, हम यही कोशिश कर रहे हैं। विश्वविद्यालय के कुलपति, अन्य अधिकारी तथा स्थानीय प्रशासन छात्रों से संवाद स्थापित कर उनकी समस्याएं दूर करेगा।’