शहंशाहपुर (वाराणसी)। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने विपक्षी दलों पर हमला बोलते हुए आज कहा कि उनके लिए दल से बड़ा देश है और भाजपा वोट पाने के लिए राजनीति नहीं करती क्योंकि उसके लिए देश का विकास सर्वोच्च प्राथमिकता है। प्रधानमंत्री ने अपने संसदीय निर्वाचन क्षेत्र वाराणसी के दौरे के दूसरे और अंतिम दिन एक समारोह में यहां आयोजित पशुधन आरोग्य मेले का जिक्र करते हुए कहा, ‘‘दूसरे राजनीतिक दल उसी काम को करना पसंद करते हैं, जिसमें वोट की सम्भावना हो, लेकिन हम अलग संस्कारों में पले बढ़े हैं। हमारा चरित्र अलग है। हमारे लिये दल से बड़ा देश है। इस कारण हमारी प्राथमिकताएं वोट के हिसाब से नहीं होती हैं। आज पशुधन आरोग्य मेले में उन पशुओं की सेवा की जा रही है जिन्हें कभी वोट देने नहीं जाना है।’’
कालाधन के खिलाफ लड़ाई तेज
उन्होंने कहा कि कालाधन हो, भ्रष्टाचार, बेईमानी हो, उसके खिलाफ मैंने बहुत बड़ी लड़ाई छेड़ी है। सामान्य ईमानदार आदमी को इसलिये मुश्किल होती है, क्योंकि बेईमान उन्हें लूटते हैं। ईमानदारी का यह अभियान आज एक उत्सव के रूप में पनप रहा है। जिस तरह छोटे व्यापारी भी जीएसटी से जुड़ रहे हैं, चीजों को आधार के साथ जोड़ा जा रहा है, जनता की पाई-पाई का खर्च जनता की भलाई पर होगा। हम बहुत तेजी से आगे बढ़ रहे हैं।
शौचालय नहीं इज्जतघर
स्वच्छता अभियान और देश के हर व्यक्ति को घर देने के लिये अपनी प्रतिबद्धता दोहराते हुए उन्होंने कहा कि वह जानते हैं कि उन्होंने जो बीड़ा उठाया है, वह बहुत मुश्किल है ‘‘लेकिन अगर मुश्किल काम मोदी नहीं करेगा, तो कौन करेगा।’’ उन्होंने कहा कि उन्हें खुशी है कि नवरात्र के पावन पर्व में उन्हें यहां शौचालय की की ईंट रखने का सौभाग्य मिला। स्वच्छता देश में गरीबों को बीमारी से मुक्त कराएगी, इसलिये यह गरीबों की भलाई करने का उनका अभियान है। मोदी ने कहा कि गांव में शौचालयों पर ‘इज्जतघर’ लिखा है। यह शब्द मुझे बहुत अच्छा लगा, क्योंकि जहां इज्जतघर है, वहां माताओं-बहनों और गांव की इज्जत है। आने वाले समय में जिसे भी इज्जत की चिंता है, वह इज्जतघर बनाएगा।
सबको घर देने का संकल्प
मोदी ने कहा कि उन्होंने वर्ष 2022 को आजादी के 75 साल पूरे होने पर देश के हर शहरी और ग्रामीण गरीब को घर देने का बहुत बड़ा संकल्प लिया है। उन्हें मालूम है कि उन्होंने जो बीड़ा उठाया है, वह बहुत मुश्किल है। उन्होंने कहा, ‘‘लेकिन अगर मुश्किल काम मोदी नहीं करेगा, तो कौन करेगा।’’ प्रधानमंत्री ने कहा कि जब देश के हर व्यक्ति के लिये घर बनाना होगा तो समझिये कि यूरोप के किसी छोटे देश जितना देश हमें अपने भारत में बसाना होगा। जब इतनी तादाद में घर बनेंगे तो असंख्य लोगों को रोजगार मिलेगा।
मोदी ने पशुधन आरोग्य मेले का जिक्र करते हुए कहा कि इस मेले में करीब 1700 पशुओं का इलाज विशेषज्ञ डॉक्टरों से कराया जा रहा है। उन्हें विश्वास है कि ऐसे ही मेले पूरे प्रदेश में लगाए जाएंगे, जिससे उन किसानों को सबसे ज्यादा फायदा होगा जो तंगहाली की वजह से अपने जानवरों का इलाज नहीं करा पाते हैं।
किसानों की आय दोगुनी करने का वादा
प्रधानमंत्री ने कहा कि वर्ष 2022 में भारत की आजादी के 75 साल हो रहे हैं। तब हमारे देश की आजादी के दीवानों ने जो सपने देखे थे, उन्हें पूरा करने के लिये हम सबको संकल्प लेना चाहिये कि पांच साल अपनी शक्ति और समय लगाएंगे। अगर सवा सौ करोड़ नागरिक एक-एक संकल्प लेते हैं तो देश पांच साल के अंदर सवा सौ कदम आगे बढ़ जाएगा। हमारा संकल्प है कि 2022 तक हम किसानों की आय को दोगुनी करें, उसके लिये पशुपालन एक मार्ग है। उन्होंने कहा कि गुजरात में सहकारिता के माध्यम से दूध के लिये जो काम हुआ उससे किसानों के जीवन को एक नयी ताकत मिली है। मुझे बताया गया कि लखनऊ और कानपुर में आयी पराग डेयरी ने किसानों से दूध खरीदना शुरू किया है। यह भी पता लगा है कि वह काशी क्षेत्र के किसानों का दूध भी खरीदना शुरू करेगी। मुझे विश्वास है कि जब दूध खरीदने का काम शुरू होगा, तो इस क्षेत्र के किसानों की आय भी बढ़ेगी।
बीमारियां रोकने को स्वच्छता जरूरी
केन्द्र सरकार के स्वच्छता अभियान का जिक्र करते हुए मोदी ने कहा कि हममें से कोई भी व्यक्ति गंदगी में जीना पसंद नहीं करता। हर किसी को गंदगी के प्रति नफरत है लेकिन स्वच्छता हमारी जिम्मेदारी है, यह स्वभाव हमारे देश में अभी पनपा नहीं है। हम गंदगी करेंगे और स्वच्छता कोई और करेगा, इस मानसिकता का परिणाम है कि हमें भारत को जैसा स्वच्छ बनाना चाहिये वैसा नहीं बना पा रहे हैं। आप में से कोई भी इससे इनकार नहीं कर सकता कि स्वच्छता हर नागरिक और हर परिवार की जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा कि बीमारियां बढ़ने के मूल में गंदगी होती है। हाल में यूनिसेफ ने शौचालय के निर्माण को लेकर 10 हजार परिवारों का सर्वे किया। मैंने कल एक अखबार में पढ़ा कि अगर शौचालय घर में है तो सालाना बीमारी पर खर्च होने वाला 50 हजार रुपया बच जाएगा।
पूर्ववर्ती अखिलेश सरकार पर भी बरसे
प्रधानमंत्री आवास योजना के प्रति प्रदेश की पूर्ववर्ती अखिलेश यादव सरकार की उदासीनता का आरोप लगाते हुए मोदी ने कहा कि पहले जो सरकार थी, उसको केन्द्र सरकार आवासहीन लोगों की सूची भेजने के लिये चिट्ठी लिखती थी, मगर उसने ध्यान नहीं दिया। बहुत दबाव डालने पर मुश्किल से 10 हजार लोगों की सूची दी गयी। प्रदेश में जब योगी आदित्यनाथ की सरकार आयी तो धड़ाधड़ काम हुआ। आज लाखों की तादाद में नाम पंजीकृत हुए।
योगी सरकार को सराहा
उन्होंने शुक्रवार को वाराणसी में 600 करोड़ रुपये की लागत से जलमल शोधन संयंत्र का जिक्र करते हुए कहा कि हमने कूड़े-कचरे के निस्तारण पर भी बल देते हुए तय किया है कि कूड़े से बिजली उत्पादन हो। इससे हम 40 हजार घरों में बिजली दे पाएंगे। अकेले काशी में जितने एलईडी बल्ब लोगों के घरों में लगे हैं। उससे हर परिवार का बिजली का बिल कम हुआ है। इससे अकेले वाराणसी शहर के कुल सवा सौ करोड़ रुपये बचेंगे। यह अपने आप में गरीब और मध्यम वर्ग के बोझ को कम करने का हमारा उत्तम प्रयास है। काशी में स्ट्रीट लाइट में भी एलईडी बल्ब लगा है। इससे काशी निगम का करीब 13 करोड़ रुपये का बिजली का बिल कम हुआ। मोदी ने इस मौके पर प्रधानमंत्री आवास योजना ‘शहरी’ एवं ‘ग्रामीण’ योजनाओं के लाभार्थियों को प्रमाणपत्र वितरित किये।