नई दिल्ली। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि पिछले तीन साल में जन धन योजना के तहत 30 करोड़ परिवारों के बैंक खाते खोले गये हैं। जेटली ने वित्तीय समावेश पर एक सभा को संबोधित करते हुए कहा कि इस योजना की शुरूआत से पहले करीब 42 प्रतिशत परिवार बैंक सेवा से जुड़े हुए नहीं थे। उन्होंने कहा कि जन धन योजना बैंक खाते खोलने की देश की सबसे बड़ी मुहिम है। इसका लक्ष्य सभी व्यावसायिक बैंकों में शून्य जमा अधिशेष पर खाते खोलकर प्रत्येक परिवार को बैंकिंग प्रणाली से जोड़ना था।
जेटली ने कहा कि शून्य जमा अधिशेष वाले बैंक खातों का अनुपात 77 प्रतिशत से कम होकर 20 प्रतिशत रह गया है। प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण सुविधा का विस्तार होने से ये बैंक खाते भी परिचालन में आ जाएंगे। उन्होंने कहा कि योजना की शुरूआत के तीन महीने बाद सितंबर 2014 में 76.81 प्रतिशत खातों में जमा राशि शून्य थी। अब इस तरह के खाते कम होकर 20 प्रतिशत रह गये हैं।
उन्होंने जन धन योजना को श्रेय देते हुए कहा कि अब 99.99 प्रतिशत परिवारों के पास कम से कम एक बैंक खाता हैं। आधार के बारे में जेटली ने कहा कि यह संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन सरकार के समय एक उभरता हुआ विचार भर था। इसे विधायी मजबूती नहीं मिली थी। भारतीय जनता पार्टी की सरकार में इस संबंध में विधेयक पारित हुआ है।