दिल्ली उच्च न्यायालय ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के खिलाफ केंद्रीय मंत्री अरुण जेटली द्वारा दायर 10 करोड़ रुपये के एक नये मानहानि मुकदमे में मुख्यमंत्री के जवाब में देरी को लेकर एक बार फिर आज उन पर 5,000 रुपये का जुर्माना लगाया। जेटली ने मुख्यमंत्री के पूर्व वकील द्वारा कथित रूप से आपत्तिजनक भाषा के इस्तेमाल के लिये केजरीवाल के खिलाफ मानहानि का नया मुकदमा दायर किया था।
ज्वाइंट रजिस्ट्रार पंकज गुप्ता ने केजरीवाल को ‘युद्ध में हताहत सैनिकों के लिये बने सैन्य कल्याण कोष’ में 5,000 रुपये के जुर्माने की राशि जमा करने का निर्देश दिया। ज्वाइंट रजिस्ट्रार केजरीवाल पर पहले भी 10,000 रुपये का जुर्माना लगा चुके हैं। जेटली के वकील माणिक डोगरा ने अदालत को यह सूचित किया था कि अदालत ने 26 जुलाई को जवाब दाखिल करने के लिये समय निर्धारित किया था और मुकदमे के लिये मुख्यमंत्री का लिखित बयान अदालत द्वारा निर्धारित समय अवधि के दो सप्ताह बाद दायर किया गया है। इसके बाद अदालत ने उन पर यह जुर्माना लगाया।
वकील ने दलील दी कि यह मुख्यमंत्री की तरफ से देरी करने के हथकंडे हैं। केजरीवाल की ओर से पेश हुए वकील ऋषिकेश कुमार ने अदालत से इस आधार पर मुख्यमंत्री के लिये माफी का अनुरोध किया कि उच्च न्यायालय रजिस्ट्री ने दो बार कुछ निश्चित तकनीकी आपत्तियां उठायी थीं जिसकी वजह से लिखित बयान दायर करने में विलंब हुआ। इस दलील पर गौर करते हुए रजिस्ट्रार ने मुख्यमंत्री की ओर से हुई देरी पर माफी दे दी और कहा कि लेकिन उन्हें ‘‘5,000 रुपये का जुर्माना’’ भरना होगा। अदालत अब मामले में 12 अक्तूबर को सुनवाई करेगी।