चंडीगढ़। पंचकूला व आसपास के क्षेत्र में भारी तादाद में डेरा प्रेमियों के आने और कानून व्यवस्था की स्थिति चिंताजनक बताते हुए दायर जनहित याचिका पर पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट ने पुलिस, अर्द्धसैनिक बलों व सेना को कार्रवाई की खुली छूट दे दी है।
दोपहर बाद हुई सुनवाई में हाई कोर्ट ने कहा कि हरियाणा व पंजाब में हिंसक झड़पों की खबरें आ रही हैं। डेरा प्रेमी सार्वजनिक संपत्ति के साथ-साथ लोगों की निजी संपत्ति को भी नुकसान पहुंचा रहे हैं। हाई कोर्ट ने डेरे की संपत्ति का ब्यौरा इकट्ठा करने को कहा। कहा कि जरूरत पड़ने पर डेरे की संपत्ति अटैच कर नुकसान की भरपाई डेरे से की जा सकती है। क्योंकि डेरे ने वादा किया था कि नुकसान नहीं होने दिया जाएगा। हाई कोर्ट ने पंचकूला में जजों को सुरक्षा देने के भी निर्देश दिए।
हाई कोर्ट ने कहा कि किसी भी हाल में कानून व्यवस्था की हालत खराब नहीं होनी चाहिए। इस दौरान केंद्र ने हाई कोर्ट को बताया कि केंद्र सरकार द्वारा 35 पैरामिलिट्री फोर्स की टुकड़ियां भेज दी हैं। पांच अन्य टुकड़ियां भी जल्द पहुंच जाएंगी।
साथ ही हाई कोर्ट ने स्पष्ट किया कि वह इस मामले में कोई राजनीति नहीं चाहता। हाई कोर्ट ने कहा कि अगर कोई व्यक्ति या नेता भड़काऊ बातें करता है तो उसके खिलाफ तत्काल एफआइआर की जाए। इस दौरान कोर्ट में बताया गया कि राम रहीम सिरसा से 800 गाड़ियों के काफिले के साथ पेशी के लिए आए थे।
बता दें, गत दिवस हाई कोर्ट ने हरियाणा सरकार को कड़ी फटकार लगाई थी। कहा कि हरियाणा सरकार डेरा प्रेमियों से निपटने में पूरी तरह विफल साबित हुई है। हाईकोर्ट ने कहा कि पंचकूला में जाट आरक्षण आंदोलन जैसे हालात बन गए हैं। हरियाणा सरकार ने इस पर कहा कि उन्होंने अपनी तरफ से कोई कमी नहीं छोड़ी लेकिन मैन पावर की कमी है।
हाई कोर्ट ने डीजीपी पर भी तल्ख टिप्पणी की थी। कहा कि हरियाणा के डीजीपी स्थिति से निपटने में पूरी तरह फेल साबित हो रहे हैं। उन्होंने नेतृत्व नहीं संभाला तो हाईकोर्ट उन्हें डिसमिस करने का आदेश जारी कर सकता है। इसके बाद हाई कोर्ट ने सेना को मोर्चा संभालने को कहा था।
बता दें, डेरा प्रमुख पर लगे साध्वी यौनशोषण के आरोपों के मामले में आज पंचकूला सीबीआइ कोर्ट में फैसला सुनाया जाएगा। इसी मामले में कानून व्यवस्था को लेकर हाई कोर्ट में याचिका दायर की गई थी।